आई ओ आर – ए आर सी, जो हिंद महासागर की परिधि में आने वाले देशों की एक क्षेत्रीय सहयोग पहल है, की स्थापना मार्च 1997 में मॉरीशस में आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई। यह एक मात्र अखिल हिंद महासागर समूह है। यह भिन्न-भिन्न आकार,
आर्थिक मजबूती तथा भाषा एवं संस्कृति में व्यापक विविधता वाले तीन महाद्वीपों के देशों को एक मंच पर लाता है। इसका उद्देश्य हिंद महासागर के परिधि क्षेत्र में, जहाँ तकरीबन दो बिलियन आबादी पाई जाती है, व्यापार, सामाजिक – आर्थिक एवं सांस्कृतिक सहयोग के लिए
एक मंच का सृजन करना है। हिंद महासागर का परिधि क्षेत्र सामरिक एवं बहुमूल्य खनिजों, धातुओं एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों, समुद्री संसाधनों एवं ऊर्जा की दृष्टि से समृद्ध है तथा इन सबको अनन्य आर्थिक क्षेत्रों (ई ई जेड), महाद्वीपीय शेल्फ एवं गहन सीबेड से प्राप्त
किया जा सकता है।
इस समय इसके 19 सदस्य हैं – आस्ट्रेलिया, बंग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, केन्या, मलेशिया, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजांबिक, ओमान, सिसली, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तंजानिया, थाइलैंड, संयुक्त अरब अमीरात एवं यमन। पांच वार्ता साझेदार हैं अर्थात
चीन, मिस्र, फ्रांस, जापान और यूके तथा दो प्रेक्षक हैं अर्थात हिंद महासागर अनुसंधान समूह (आई ओ आर जी) और हिंद महासागर पर्यटन संगठन (आई ओ टी ओ), ओमान।
इस संघ के उद्देश्य इस प्रकार हैं :
- इस क्षेत्र के तथा सदस्य राज्यों के स्थाई विकास एवं संतुलित प्रगति को बढ़ावा देना तथा क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग के लिए साझी जमीन सृजित करना।
- आर्थिक सहयोग के ऐसे क्षेत्रों पर बल देना जो साझे हितों के विकास के लिए तथा परस्पर लाभ प्राप्त करने के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करते हैं।
- व्यापार के उदारीकरण के लिए सभी संभावनाओं एवं अवसरों का पता लगाना, क्षेत्र के अंदर माल, सेवाओं, निवेश एवं प्रौद्योगिकी के मुक्त एवं अधिक प्रवाह की दिशा में आने वाली अड़चनों को दूर करना तथा बाधाओं को कम करना।
- सदस्य राज्यों के बीच किसी भेदभाव के बिना तथा अन्य क्षेत्रीय आर्थिक एवं व्यापार सहयोग व्यवस्थाओं के अंतर्गत बाध्यताओं पर प्रतिकूल प्रभाव के बिना सदस्य राज्यों के व्यापार एवं उद्योग, शैक्षिक संस्थाओं, विद्धानों एवं लोगों के बीच घनिष्ठ अंत:क्रिया
को प्रोत्साहित करना।
- आपसी हित के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों में साझा दृष्टिकोण अपनाने तथा साझी रणनीति विकसित करने के लिए जहां वांछनीय हो वहां तथा वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों में सदस्य राज्यों के बीच सहयोग एवं वार्ता को सुदृढ़ करना; और
- विशेष रूप से सदस्य राज्यों की प्रशिक्षण संस्थाओं, विश्वविद्यालयों तथा अन्य विशिष्ट संस्थाओं के बीच घनिष्ठ सहलग्नता के माध्यम से मानव संसाधन के विकास में सहयोग को बढ़ावा देना।
अपनी कार्य योजना में परियोजनाओं को शामिल करने के लिए इस संघ का अपना चार्टर एवं दिशानिर्देश हैं।
संरचना :
आई ओ आर – ए आर सी का शीर्ष निकाय (विदेश) मंत्री परिषद (सी ओ एम) है। सी ओ एम की बैठक से पूर्व हिंद महासागर रिम शैक्षिक समूह (आई ओ आर ए जी), हिंद महासागर रिम व्यवसाय मंच (आई ओ आर बी एफ), व्यापार एवं निवेश पर कार्य समूह (डब्ल्यू जी टी आई) तथा वरिष्ठ अधिकारी
समिति (सी एस ओ) की बैठक आयोजित की जाती है। आई ओ आर – ए आर सी का सचिवालय पोर्ट लुइस, मॉरीशस में है।
अन्य संरचनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं :
- आई ओ आर – ए आर सी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए परियोजनाओं, कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय और/या क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक सहयोग की गतिविधियों, बौद्धिक आदान - प्रदान, अध्ययन एवं सर्वेक्षण या किसी
अन्य शैक्षिक अनुसंधान, उद्यमशीलता या बौद्धिक कवायद तथा क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करने, मदद करने तथा प्रोत्साहन प्रदान करने और बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2004 में स्थापित आई ओ आर – ए आर सी विशेष निधि।
- प्रिटोरिया में आधारित आई ओ आर – ए आर सी देशों के मिशन प्रमुखों के स्तर पर नैमित्तिक बैठकें आयोजित की जाती हैं। मिशन प्रमुखों का यह कार्य समूह (डब्ल्यू जी एच एम) मुद्दों पर प्रगति का जायजा लेता है तथा भावी कदमों के बारे में सुझाव देता है। अब तक इस कार्य
समूह की 13 बैठकें हो चुकी हैं।
- ओमान में स्थापित मत्स्यकी सहायता यूनिट (एफ एस यू) से अपेक्षा है कि वह आई ओ आर – ए आर सी के मत्स्यकी क्षेत्र के अंदर सहयोग बढ़ाने, मत्स्की संसाधनों के बेहतर उपयोग, विशेषज्ञता के आदान - प्रदान तथा संयुक्त अनुसंधान की गतिविधियों के संचालन में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाएगी।
- तेहरान में 2008 में स्थापित क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अंतरण केंद्र (आर सी एस टी टी) को आई ओ आर – ए आर सी के अंतर्गत सहायक निकाय का दर्जा प्राप्त है।
- 2010 में साना ए अमन में सी ओ एम की 10वीं बैठक में समुद्री परिवहन परिषद (एम टी सी) को अपनाया गया। प्रस्तावित एम टी सी एक क्षेत्रीय विशेषज्ञ एजेंसी है जो समुद्री परिवहन में सुविधा प्रदान करने के लिए सदस्य राज्यों के हितों को बढ़ावा देती है एवं रक्षा करती
है। यह आई ओ आर – ए आर सी क्षेत्र में समुद्री परिवहन सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में प्रयास करती है।
मंत्री परिषद की 11वीं बैठक के मुख्य निर्णय :
15 नवबंर 2011 को बंगलुरू में सी ओ एम की 11वीं बैठक आयोजित की गई जहां भारत ने आई ओ आर – ए आर सी की अध्यक्षता ग्रहण की तथा आस्ट्रेलिया ने उपाध्यक्षता ग्रहण की। भारत ने आने वाले वर्षों में सभी सदस्य देशों के लिए तथा आई ओ आर – ए आर सी के लिए समकालीन प्रासंगिकता
के विषयों पर सर्वसम्मति बनाने के लिए अन्य सदस्यों के साथ काम किया। आई ओ आर – ए आर सी के अंतर्गत सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्राथमिकता के छ: क्षेत्रों की पहचान की गई : (1) समुद्री सुरक्षा एवं संरक्षा; (2) व्यापार एवं निवेश में सुविधा; (3) मत्स्यकी प्रबंधन;
(4) आपदा जोखिम कटौती; (5) शैक्षिक तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग; और (6) पर्यटन संवर्धन एवं सांस्कृतिक विनिमय।
बंगलुरू विज्ञप्ति 2011
आई ओ आर – ए आर सी की मंत्री परिषद की 12वीं बैठक :
आई ओ आर – ए आर सी की मंत्री परिषद की 12वीं बैठक 2 नवबंर 2012 को गुड़गांव में आयोजित की जाएगी। यह भारत की अध्यक्षता में आई ओ आर – ए आर सी की मंत्री परिषद की दूसरी बैठक होगी तथा उस प्रगति का जायजा लेने का अवसर प्रदान करेगी जो बंगलुरू में आयोजित बैठक के बाद हुई
है, तथा भावी दिशा एवं पहलों का पता लगाएगी जो समूह के साझे हितों को पूरा कर सकें। मंत्री परिषद की बैठक से पूर्व शिक्षाविदों, व्यवसायों एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक होगी।
12वीं आई ओ आर – ए आर सी बैठक पर अधिक जानकारी के लिए कृपया
www.iroarc12.in देखें।