यूरो ज़ोन में आर्थिक संकट और सुस्त पड़ती विश्व अर्थव्यवस्था के साये में एक बार पुनः जी-20 नेताओं की बैठक होने जा रही है। यूरोप की यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि यूरोप विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है और यह भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापार और निवेश भागीदार भी है। यदि वहाँ समस्याएँ बनीं रहती हैं तो इससे विश्व बाज़ारों में मंदी आएगी और हमारी आर्थिक प्रगति पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।