लोक सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 5130
24.07.2019 को उत्तर दिए जाने के लिए
पड़ोसी देशों के साथ संबंध
5130. श्री मनीश तिवारीः
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) अगले पाँच वर्षों के दौरान अपने पड़ोसी देशों के प्रति भारत के प्रस्तावित दृष्टिकोण का ब्यौरा क्या है;
(ख) जैसाकि माननीय मंत्री ने भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भाषण में मुख्यतः 'उदार नीति’ और 'सहयोग को प्रोत्साहित करने’ की बात कही है उसके संदर्भ में पड़ोसी देशों के साथ स्वयं आगे बढ़कर कदम उठाने और उनके प्रत्युत्तर की अधिक
दरकार न रखने की सरकार की नीति का ब्यौरा क्या है;
(ग) क्या यह नीति भारत के पड़ोस के सभी देशों पर लागू होगी या इसके कुछ अपवाद होंगे; और
(घ) यदि हां, तो इस संबंध में ब्यौरा क्या है?
उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)
(क) से (घ) भारत सरकार अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भारत की 'पड़ोसी देश प्रथम’ नीति के तहत स्थिरता एवं समृद्धि के लिए परस्पर लाभकारी, आमजन उन्मुखी, क्षेत्रीय कार्यढाँचा तैयार करने पर ध्यान दिया जाता है। भारत अपने पड़ोसी
देशों का एक सक्रिय आर्थिक साझेदार है और वह इन देशों में बड़ी संख्या में विकास परियोजनाओं से जुड़ा हुआ है। इन देशों के साथ हमारा विनियोजन एक परामर्शी, गैर-पारस्परिकता तथा परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण पर आधारित रहेगा और साथ ही इस व्यवस्था के तहत अधिक से अधिक कनेक्टिवटी,
उन्नत बुनियादी सुविधा, विविध क्षेत्रों में मजबूत विकास सहयोग, सुरक्षा तथा लोगों के व्यापक आपसी संपर्क जैसे लाभों पर ध्यान केन्द्रित किया जाता रहेगा।
भारत पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंधों में द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति को भी ध्यान में रखता है।
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