यूनाइटेड किंगडम और भारत जो विश्व के सबसे पुराने एवं सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, के बीच एक विशेष साझेदारी है जो साझे मूल्यों, संस्थाओं, संस्कृति; ऐतिहासिक संबंध एवं लंबी साझेदारी पर आधारित है तथा ब्रिटेन में 1.5 मिलियन भारतीय डायसपोरा द्वारा निर्मित अमिट
मानव बंधन पर टिकी है जिन्होंने ब्रिटेन की सफलता में योगदान दिया है और ब्रिटेन के जीवन एवं पहचान को प्रभावित किया है।
हमारी साझेदारी समृद्धि एवं प्रगति के लिए स्वाभाविक साझेदारी भी है। यूके भारत में सबसे बड़ा जी-20 निवेशक है, जबकि भारत ने संयुक्त रूप से शेष यूरोपीय संघ की तुलना में यूके में अधिक निवेश किया है। जीवन के हर क्षेत्र में, हमारा सहयोग हमारे लोगों के लिए कौशलों
एवं अवसरों का सृजन कर रहा है तथा हमारे देशों एवं विश्व के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का उपयोग करने की हमारी सामर्थ्य को बढ़ा रहा है।
अब, हमारे संबंध का अनोखा चरित्र, हमारी अर्थव्यवस्थाओं की गति, हमारे समाजों में नवाचार की संस्कृति, हमारे व्यवसायों का वैश्विक नेटवर्क और हमारे बदलते विश्व के अवसर एवं चुनौतियां हमें हमारी साझेदारी के लिए एक उच्च महत्वाकांक्षा निर्धारित करने के लिए सुगम
बनाएंगी। हम उन अच्छाइयों के आधार पर भविष्य को देखते हैं जो राष्ट्र के रूप में आज हम हैं - आधुनिक, विविध, गतिशील एवं प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी।
हमारी साझेदारी 1.25 बिलियन लोगों के जीवन को बदलने के लिए भारत की महत्वाकांक्षी योजनाओं और अंतरिक्ष, वित्तीय सेवा आदि जैसे क्षेत्रों में अपने नेतृत्व को कायम रखने तथा अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से संतुलित करने संबंधी यूके के लक्ष्य में योगदान कर सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम की पहली यात्रा के दौरान, हमने अपने संबंधों में फिर से जान फूंकने तथा हम दोनों के लिए एक अग्रणी वैश्विक साझेदारी बनने के पथ पर निर्णायक रूप से इसे ले जाने का संकल्प किया है।
हमारी सरकारें प्रगति तेज करने और हमारे लोगों के जीवन को बदलने के लिए साथ मिलकर काम करेंगी। हम इस शताब्दी के लिए कौशलों में निवेश करेंगे तथा अपने लोगों के लिए उत्तम कोटि की नौकरियों का सृजन करेंगे। हम मानव विकास को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य
के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।
हम अवसंरचना में निवेश करेंगे तथा विनिर्माण को बढ़ावा देंगे जिसमें पृथ्वी पर यथा संभव कम से कम फुटप्रिंट के साथ उन्नत प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में निवेश शामिल है। ऐसा करते समय हम अपनी विशाल निजी साझेदारियों, असाधारण उद्यम, हमारे निजी क्षेत्र के संसाधनों
एवं क्षमताओं तथा अपने बाजारों का उपयोग करेंगे जिसमें लंदन शहर तथा भारत का वित्तीय क्षेत्र शामिल है। हमारे दोनों देश सूचना प्रौद्योगिकी में सबसे आगे हैं। हम सेवाओं में क्रांति लाने, अपने लोगों की समृद्धि में वृद्धि करने तथा अपनी साझी चुनौतियों का सामना करने
के लिए डिजिटल युग के नए विशाल अवसरों का साथ मिलकर उपयोग करेंगे।
हम अपने लोगों की विकास संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करते हुए भविष्य में न्यून कार्बन के विजन को साकार करने में अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने लाभ का उपयोग करेंगे। हम अपने लोगों के जीवन को स्वच्छ ऊर्जा से लैस करेंगे जो सस्ती एवं सुगम हो। और हम अपनी
नदियों को स्वच्छ बनाने, अपने अधिवासों को स्वस्थ बनाने तथा स्मार्ट, संपोषणीय शहरों का निर्माण करने में साझेदारी करेंगे जिससे हर कोई समृद्ध हो सकता है।
हम दोनों ही वैश्विक खिलाड़ी हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन को बनाए रखने तथा संयुक्त राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की रूपरेखा के अंदर वैश्विक समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई
सदस्यता के लिए उसकी उम्मीदवारी, अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में उसकी अधिक भूमिका तथा अंतर्राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं की सदस्यता का जोरदार समर्थन करता है ताकि साथ मिलकर हम अपनी विशाल वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए नियमों पर आधारित
अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में फिर से जान फूंकने के कार्य का नेतृत्व कर सकें।
हम सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग में अग्रदर्शी कदमों पर सहमत हुए हैं। हम आतंकवाद एवं अतिवाद, साइबर हमलों, परमाणु प्रसार तथा हिंसक संघर्ष के खतरों से निपटने के लिए अधिक निकटता से साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हम रक्षा क्षमता, विशेषज्ञता में और प्रौद्योगिकी, विश्लेषण
एवं सूचना की साझेदारी में अपनी भागीदारी भी बढ़ाएंगे जो हमें समकालीन चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटने और हमारे लोगों के लिए सुरक्षा एवं संरक्षा का सुनिश्चय करने में समर्थ बनाएगा।
गांधीजी अक्सर कहा करते थे कि हम जो विश्व में परिवर्तन देखना चाहते हैं उसे हमें अपने आप में करना चाहिए। दो महान लोकतंत्रों के दो चुने हुए नेता के रूप में हम हमारे लोगों के लिए सुरक्षित एवं अधिक समृद्ध जीवन के लिए और विश्व के लिए शांतिपूर्ण, स्थिर एवं संपोषणीय
भविष्य के लिए अपने दोनों देशों के बीच संबंधों को परिवर्तित करने की अपनी जिम्मेदारियों को स्वीकार करते हैं। आज, इस विजन को साकार करने की दिशा में हमने एक बड़ा कदम उठाया है।