सरकारी प्रवक्ता (श्री विकास स्वरूप)
:दोस्तो नमस्कार तथा यूके में प्रधानमंत्री जी के पहले दिन पर इस प्रेस वार्ता में आप सभी का स्वागत है। इस प्रेस वार्ता को शुरू करने में विलंब के लिए मैं क्षमा
चाहता हूँ, जिसका सीधा सा कारण यह है कि हमें किसी हमराही के बगैर गिल्ड हॉल से वापस आना पड़ा था। प्रधानमंत्री जी के चेकर्स जाने के बाद हमने महसूस किया कि लंदन की ट्रैफिक वास्तव में क्या है। इसी वजह से हमें विलंब हुआ।
मुझे यह कहते हुए बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि मेरे साथ संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) सुश्री नंदिनी सिंगला हैं जो उन अंतरों को भरेंगी जो मैं प्रधानमंत्री जी के पहले दिन के कार्यक्रमों के बारे में आप सभी को जानकारी प्रदान करूँगा।
जैसा कि आप सभी जानते हैं, प्रधानमंत्री जी आज यहां प्रात: 10 बजे पहुंचे और वास्तव में उनका पूरे दिन का कार्यक्रम था जिसमें 10, डाउनिंग स्ट्रीट में प्रधानमंत्री कैमरन के साथ बातचीत, ब्रिटिश संसद को ऐतिहासिक संबोधन
– ब्रिटिश संसद को संबोधित करने वाले वह भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं
– और गिल्ड हॉल में लंदन शहर के कारोबारी समुदाय के लिए भाषण शामिल है। दोनों नेताओं ने संसद स्क्वैयर के निकट महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
प्रधानमंत्री जी कार्यक्रमों की शुरूआत यूके में पंजाबी समुदाय के साथ बैठक से हुई। यूके में सभी महत्वपूर्ण गुरूद्वारों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 34 प्रख्यात सामुदायिक सदस्य इसमें शामिल हुए।
इसके बाद, गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और यूके के प्रधानमंत्री द्वारा औपचारिक स्वागत किया गया। सभी क्षेत्रों को शामिल करते हुए 10 डाउनिंग स्ट्रीट में शिष्टमंडल स्तरीय बातचीत हुई जिसमें आज भारत
– यूके साझेदारी प्रचालन करती है। इस तथ्य को देखते हुए कि हमारी सामरिक साझेदारी अब 11 साल पुरानी हो चुकी है, दोनों नेताओं के बीच चर्चा में सुरक्षा, रक्षा, साइबर सहयोग, प्रौद्योगिकी एवं सैन्य दर सैन्य सहयोग
भी शामिल हुए। आतंकवाद की खिलाफत भी द्विपक्षीय चर्चा का एक महत्वपूर्ण आयाम था। और जलवायु परिवर्तन पर भी पेरिस में आगामी सी ओ पी-21 के आलोक में, प्रमुखता से चर्चा हुई। आज की चर्चाओं का एक महत्वपूर्ण परिणाम भारत और यूके के बीच असैन्य परमाणु करार का संपन्न
होना है।
जहां तक व्यापार एवं आर्थिक सहयोग का संबंध है, दोनों नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि किस तरह भारत की फ्लैगशिप पहलों जैसे कि मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्मार्ट शहर, कुशल भारत और डिजिटल इंडिया में यूके भारत का साझेदार बन सकता है।
चर्चाओं का एक प्रमुख परिणाम भारत की महत्वाकांक्षी अवसंरचना परियोजनाओं के लिए अवसंरचना वित्त पोषण जुटाने के लिए वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में लंदन शहर का उपयोग करने में सहयोग करने की दोनों पक्षों की इच्छा थी।
दोनों नेताओं ने रेलवे क्षेत्र के लिए सरकार के समर्थन से रूपए में जारी किए गए बांडों तथा भारत के निजी क्षेत्र के अग्रणी खिलाडि़यों द्वारा जारी किए गए बांडों का स्वागत किया। उन्होंने रेखांकित किया कि यह इस दिशा में लंबी साझेदारी की शुरूआत
हो सकती है। एक अन्य महत्वपूर्ण परिणाम भारत की नई राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश निधि के तहत एक नई भारत
– यूके निधि की स्थापना है।
प्रधानमंत्री कैमरन के साथ अपनी चर्चाओं में तथा लंदन शहर को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए आर्थिक सुधारों को जारी रखने के लिए सरकारी की मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया तथा हाल ही में शुरू
की गई उदारीकरण की महत्वपूर्ण पहलों का विस्तार से उल्लेख किया जिनकी वजह से भारत विश्व में सबसे खुली अर्थव्यवस्था बन गया है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, कल सी ई ओ फोरम की भी बैठक हो रही है तथा आज जो व्यवसाय दर व्यवसाय सौदे हुए उनकी कुल राशि 9.2 बिलियन
पाउंड है।
जब हम बात कर रहे हैं, तब प्रधानमंत्री जी अंतरंग डिनर के लिए चेकर्स में हैं और उनके देहाती आवास में प्रधानमंत्री कैमरन के साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक सामरिक मुद्दों पर उनके बीच चर्चा जारी है।
सारांश के रूप में, यात्रा का पहला दिन बहुत सफल एवं रचनात्मक रहा है। हम दिन-2 की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो, जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत
– यूके सी ई ओ फोरम के रूप में होगा, बहुत विशेष भंगिमा में महारानी द्वारा प्रधानमंत्री जी के सम्मान में लंच दिया जाएगा और निश्चित रूप से विंबले में एक बड़ा डायसपोरा कार्यक्रम होगा जहां प्रधानमंत्री कैमरन भी मौजूद
रहेंगे।
आज कुल मिलाकर पांच परिणाम दस्तावेजों एवं 11 एम ओ यू को अंतिम रूप दिया गया। मैं आप सभी को थोड़ा बताने का प्रयास करूँगा कि ये दस्तावेज हैं क्या। पहला दस्तावेज एक विजन दस्तावेज है जिसमें सामरिक साझेदारी को और ऊपर उठाने के लिए दोनों नेताओं
के साझे विजन को रेखांकित किया गया है।
दूसरा दस्तावेज एक संयुक्त वक्तव्य है जिसमें अनेक क्षेत्रों जैसे कि आर्थिक विकास, व्यवसायों का वित्त पोषण, शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति में विविध एवं बहु आयामी साझेदारी एवं पहलों को गहन करने के उपायों
का विस्तार से उल्लेख है। संयुक्त वक्तव्य का एक अनुबंध भी है जिसमें इस यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित 28 वाणिज्यिक व्यवसाय दर व्यवसाय करारों का ब्यौरा दिया गया है।
मेक इन इंडिया के माध्यम से आपसी रूचि के क्षेत्रों में अनुसंधान, प्रशिक्षण, रक्षा प्रौद्योगिकी का अंतरण और रक्षा विनिर्माण सहित सामरिक क्षेत्रों में सक्षमता साझेदारियों के माध्यम से भारत
– यूके रक्षा सहयोग को गहन करने के लिए एक रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की गई है। इसमें आतंकवाद की खिलाफत का भी एक मजबूत घटक है। वास्तव में, मेरी समझ से आतंकवाद की खिलाफत से संबंधित वक्तव्य
के भाग को पढ़कर सुनाना महत्वपूर्ण होगा।
"भारत और यूके सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों के आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक अभिसमय को जल्दी से अंतिम रूप देने का समर्थन करते हैं। वे आई एस आई एल, अलकायदा, लश्करे तैयबा, हिजबुल
मुजाहिद्दीन, हक्कानी और संबद्ध गुटों सहित आतंकी नेटवर्कों के लिए सभी वित्तीय एवं सामरिक समर्थन को नष्ट करने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। दोनों देश मुंबई में नवंबर, 2008 के आतंकी हमले के दोषियों को दंडित करने के लिए पाकिस्तान के लिए अपने आह्वान
को दोहराते हैं। यूके और भारत आतंकी हमलों को रोकने तथा हिंसक अतिवाद की खिलाफत करने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे जिसमें सर्वोत्तम प्रथाओं एवं प्रौद्योगिकियों का आदान
– प्रदान शामिल है। दोनों देश अतिवाद तथा जिस विचारधारा पर यह टिका है उसकी खिलाफत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। वे संयुक्त राष्ट्र तथा वैश्विक आतंकवाद रोधी फोरम के माध्यम
से समुदायों, सभ्य समाज तथा उद्योग के साथ मिलकर कारगर राष्ट्रीय रणनीतियों को लागू करने के लिए सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करने के लिए काम करेंगे।”और फिर इसमें साइबर, गंभीर एवं संगठित अपराध तथा समुद्री
सहयोग का भी उल्लेख है।
ये सभी दस्तावेज अब विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। आप उनको डाउनलोड कर सकते हैं। जैसा कि मैंने कहा, जब आपको ये दस्तावेज मिल जाएंगे, तो आपको पूरी तरह पता चल जाएगा कि आज क्या हुआ है, प्रधानमंत्री जी के यूके में पहले दिन से कौन से
महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त हुए हैं और वास्तव में हम कल और परसों के लिए क्या अपेक्षा कर सकते हैं।
इसी के साथ मैं समझता हूँ कि मुझे अब अपनी वाणी को विराम देना चाहिए। नंदिनी, क्या आप कुछ जोड़ना चाहेंगी? ठीक है, अब हम प्रश्न और उत्तर सत्र के लिए तैयार हैं।
प्रश्न :मैं चाहता हूँ कि आज पंजाबी समूहों के साथ उनकी जो बातचीत हुई है उसके बारे में, गुरूद्वारों के बारे में तथा
उनकी जो मांगें हैं और उनके जो अनुरोध हैं उन सबके बारे में आप थोड़ा विस्तार से बताएं।
सरकारी प्रवक्ता :जैसा कि आप जानते हैं, भारत की अपनी यात्रा तथा इस तरह की कई चीजों को लेकर उनके कुछ सरोकार हैं। और प्रधानमंत्री जी ने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा,
उन्होंने कहा, देखिए, भारत आपका देश है और आपको भारत से वह सब प्राप्त करने का अधिकार है जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं और हमें मुक्त एवं बेबाक आदान
– प्रदान की भावना से व्यापक बातचीत करके प्रसन्नता होगी तथा आपकी मदद करने के लिए हम जो कुछ भी कर सकते हैं वह जरूर करेंगे। इस तरह, मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि संभवत: कोई यात्रा होगी। मेरा मानना यह है कि यह
चर्चा जारी रहेगी।
प्रश्न :क्या कोई यात्रा होगी?
सरकारी प्रवक्ता :जैसा कि मैंने कहा, यात्रा हो सकती है।
प्रश्न :उस मामले में, पंजाब में हाल ही में पवित्र ग्रंथों के अपमान के संबंध में जो घटित हुआ है उस संबंध में क्या
कोई बातचीत होगी ... (अश्रव्य) ...?
सरकारी प्रवक्ता :मैं नहीं समझता कि यह वास्तव में उस संदर्भ में था। आइडिया यह था कि यहां एक पंजाबी समुदाय है और उसके कुछ मुद्दे हैं तथा आइडिया यह था कि किस तरह दोनों
पक्ष एक साथ बैठ सकते हैं और सामंजस्य एवं वार्ता की भावना से उन मुद्दों का समाधान करने का प्रयास कर सकते हैं।
प्रश्न :क्या प्रधानमंत्री जी ने छात्रों के वीजा तथा वीजा से जुड़े अन्य मुद्दों, विशेष रूप से काम करने की छात्रों
की सामर्थ्य पर सीमाओं के मुद्दे को उठाया?
सरकारी प्रवक्ता :जी हां, इस मुद्दे को बहुत मजबूती से उठाया गया। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि यूके में भारतीय छात्रों की संख्या पिछले तीन वर्षों में 50 प्रतिशत घट गई
है; उन्होंने आग्रह किया कि भारतीय छात्र विश्व में सर्वश्रेष्ठ एवं मेधावी छात्रों में शामिल हैं; और यह दोनों पक्षों के लिए लाभप्रद साझेदारी होगी
– भारतीयों को कोटिपरक शिक्षा प्राप्त हो जाएगी और यूके को उस विशेषज्ञता से लाभ होगा जो भारतीय छात्र यूके में लाएंगे।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) (सुश्री नंदिनी सिंगला)
:यदि मुझे कुछ कहने की इजाजत हो, तो प्रधानमंत्री जी ने वास्तव में यह कहा कि इस समय हम ऐसी स्थिति में हैं जहां सभी देश भारतीय छात्रों को लुभा रहे हैं क्योंकि आज भारत सबसे बड़ा शिक्षा
बाजार है। यहां का मध्यम वर्ग बढ़ रहा है, यहां एक महत्वाकांक्षी उच्च वर्ग है जो चाहता है कि उनके बच्चे विदेशों में शिक्षा ग्रहण करें; और उन्होंने कहा कि यह उसका दोहन करने का वास्तव में एक अवसर है जो एक बड़ा आर्थिक बाजार बन गया है।
प्रश्न :क्या उन्हें इस संबंध में कोई प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :ढेर सारी सहमति तथा प्रशंसा थी, परंतु यह ऐसा मुद्दा है जिस पर सतत बातचीत की जरूरत है। मैं नहीं समझती कि हम इस
पर इस अध्याय को बंद कर देंगे।
प्रश्न :क्या ब्रिटेन के गृह सचिव बैठक में थे?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :मेरी समझ से वह नहीं थे।
प्रश्न :... (अश्रव्य) ...
सरकारी प्रवक्ता :जो भी हो, प्रधानमंत्री जी वहां थे। इस प्रकार, जहां तक हमारा संबंध है, शीर्ष व्यक्ति वहां था।
प्रश्न :क्या आप असैन्य परमाणु करार के कार्य क्षेत्र एवं शर्तों के बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
क्या यह आपूर्ति के लिए है, क्या यह संयंत्रों के निर्माण के लिए है, क्या ब्रिटिश कंपनियां भारत में आ रही हैं या यह यूरेनियम की आपूर्ति के लिए है? क्या आप इस पर विस्तार से बता सकते हैं?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :मेरी समझ से शीघ्र ही सभी करार, पाठ भी सर्वाधिकार क्षेत्र में आ जाएंगे। तब आप स्वयं ही ब्यौरों को देख सकते हैं।
परंतु मोटेतौर पर मैं जो समझती हूँ वह यह है कि यह एक पूर्ण श्रृंखला करार है अर्थात इसमें परमाणु चक्र की पूर्ण श्रृंखला शामिल है। और इसके तहत अनुसंधान शामिल है, इसके तहत विशेष रूप से डी-कमीशनिंग जैसे क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान
–प्रदान शामिल है जहां यूके के पास श्रेष्ठ प्रौद्योगिकियां हैं। और मेरी समझ से संदर्भ एक तरह से अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि अब यूके एक परमाणु संयंत्र अधिष्ठापित कर रहा है। एक बार पुन: यह स्वच्छ परमाणु ऊर्जा
की दिशा में जा रहा है। इस प्रकार, इससे दोनों देशों के लिए सहयोग के लिए अवसरों का पूरा भंडार खुलेगा।
प्रश्न :महोदय, मेरा प्रश्न आपसे है। आपने भारत आने वाले निवेश की संख्या के रूप में जो लगभग 9.5 बिलियन पाउंड की
राशि का उल्लेख किया उसके बारे में मैं कुछ स्पष्टीकरण चाहता हूँ। यह पिछली यात्राओं से थोड़ा हटकर है जहां पहली बार संभवत: कारोबारी दृष्टि से किसी विशिष्ट संख्या का उल्लेख हो रहा है। क्या आप हमें इसका कोई ब्रेकअप प्रदान कर सकते हैं?
और क्या ये दृढ़ प्रतिबद्धताएं हैं अथवा ये सतत परियोजनाएं हैं जिन्हें भारत में इनबाउंड ब्रिटिश निवेश के रूप में कोलेट किया गया है, मैडम?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :आपको यह जानकर खुशी होगी कि पूर्ण सूची वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह संयुक्त वक्तव्य के अनुबंध के रूप में उपलब्ध
है। इसमें सभी ब्यौरे हैं, ऐसे सभी ब्यौरे हैं जिन्हें कंपनियां साझा करने की इच्छुक हैं।
सरकारी प्रवक्ता :मैं कुछ बातों पर प्रकाश डालना चाहूँगा, यह करार भारत और यूके के स्वास्थ्य संस्थान के बीच, भारत - यूके हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड और किंग्स कॉलेज
हास्पिटल के बीच है। यह स्वास्थ्य देखरेख के क्षेत्र में है।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :चंडीगढ़ में प्रशिक्षण घटक के साथ एक मेडिकल कॉलेल या हास्पिटल स्थापित करने में एक भारतीय संस्था के साथ एन एच
एस साझेदारी कर रहा है। और योजना यह है कि वे 10 या 11 और मेडिकल कॉलेज या हास्पिटल खोलेंगे। इस प्रकार, वे अस्पतालों की एक श्रृंखला खड़ी करना चाहते हैं।
प्रश्न :मैं चाहता हूँ कि आप वोडाफोन के बारे में भी कुछ बताएं। उनमें से एक सदस्य वहां था तथा कर विवाद के संबंध में
वोडाफोन के बारे में कुछ और भी बोला गया तथा उनका समाधान करने के लिए भारत जो प्रयास कर रहा है उसके बारे में भी कुछ और कहा गया।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :वास्तव में, मेरी समझ से वोडाफोन यहां अपने खर्च पर भागीदारी कर रहा है। मेरी समझ से यह लगभग 1.3 बिलियन का निवेश
है।
प्रश्न :... (अश्रव्य) ...महत्वपूर्ण
राशि और हमारे पास जो वक्तव्य है उसमें उल्लेख है कि वर्तमान नेटवर्क एवं कवरेज को अपग्रेड किया जाएगा। इस प्रकार, यह एक प्रचालनात्मक निवेश है, यह कोई नई परियोजना नहीं है जो आ रही है। पुन: कार्यक्षेत्र की दृष्टि से क्या इसका विस्तार हो रहा है, क्या उन्होंने
इस बात का संकेत दिया है कि वे कोई नया व्यवसाय स्थापित कर रहे हैं या यह वही राशि है जिसे आपने खर्च किया है तथा विद्यमान यूके कंपनियां व्यवसाय में खर्च करती हैं जिसे आप पहले ही कर चुके हैं?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :इस संबंध में, मैं चाहूँगी कि आप वोडाफोन से बात करें।
सरकारी प्रवक्ता :क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं, ये सरकार दर सरकार सौदे न होकर व्यवसाय दर व्यवसाय सौदे हैं। और हमारे पास केवल वही आंकड़े होते हैं, जो हमें उन संबंधित
कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :सीधी सी बात यह है कि कोई कंपनी जो भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में नकारात्मक धारणा फैलाती है और आज कारोबारी
विवाद की सूची में है जिनकी घोषणा दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के समक्ष की गई, हमारे लिए अपने आप में यह एक महत्वपूर्ण कथन है।
प्रश्न :परमाणु सौदे पर, क्या बाध्यता की शर्तों के संबंध में किसी प्रकार की कोई बात हुई जो संयुक्त राज्य के साथ
बातचीत हुई जिसके पश्चात एक ठोस करार की गति धीमी पड़ गई और जिन परियोजनाओं ने गति पकड़ ली थी वे संयुक्त राज्य में धीमी पड़ गई? क्या इस बार यूनाइटेड किंगडम के साथ उन शर्तों पर चर्चा हुई तथा उन्होंने कहा कि
देखिए यह यूके के साथ नहीं होगा?क्या उन्होंने इसका कोई जिक्र किया क्योंकि संयुक्त राज्य के साथ हमारे हेडलाइन नंबर हैं परंतु इसका कोई फायदा नहीं हुआ बाध्यता संबंधी इन समस्याओं के कारण?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :हमने आज ही करार पर हस्ताक्षर किए है। हमें प्रतीक्षा करनी होगी और देखना होगा कि क्या हमें समस्याएं होती हैं
या नहीं। यह एक सहयोग करार है तथा यह अपने आप में एक संकेत है, एक वास्तव में कई तरह का संकेत है तथा यह एक बड़ी सकारात्मक गाथा है।
प्रश्न :विकास, संयुक्त वक्तव्य में क्षेत्रीय मुद्दों के सभी आयामों पर राय मशविरा बढ़ाने की बात हुई है तथा वरिष्ठ
अधिकारियों के स्तर पर अलग से एक दक्षिण एशिया वार्ता स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। किस वजह से इस तंत्र की जरूरत महसूस हुई, इसका कार्य क्षेत्र क्या है? इसके अलावा, मुझे संयुक्त वक्तव्य में भ्रष्टाचार
के उल्लेख से आश्चर्य हुआ, पैरा नंबर 32 में यह कहा गया है, ‘...भ्रष्टचार के प्रति वैश्विक प्रत्युत्तर को सुदृढ़ करने के लिए।' किसी संयुक्त वक्तव्य में भ्रष्टाचार का उल्लेख होना बहुत अस्वाभाविक है!
मैं जानना चाहता हूँ कि किस वजह से ऐसा हुआ है?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :मैं आपके दूसरे प्रश्न का उत्तर पहले देना चाहूँगी। यदि आप पैरा 32 को देखें, तो यह संयुक्त राष्ट्र तथा जी-20
के संदर्भ में है। भ्रष्टाचार एजेंडा की एक मद है जिस पर हम न केवल चर्चा कर रहे हैं, अपितु इस पर हम सक्रियता से काम भी कर रहे हैं। यह उस संदर्भ में है।
आपका दूसरा प्रश्न दक्षिण एशिया वार्ता के बारे में है। यूके के साथ पहले से ही हमारी एक मध्य पूर्व वार्ता है; यूके के साथ हमारी एक पूर्वी एशिया वार्ता भी है। और हमने महसूस किया कि यह बहुत तार्किक एवं निश्चित रूप से बहुत जरूरी है कि हमारी
एक दक्षिण एशिया वार्ता भी हो। हालांकि यह वार्ता हुई है, हमारी सभी बातचीत में अनिवार्य रूप से हमारे पड़ोसियों का उल्लेख होता है तथा हम उन पर बातचीत करते हैं, हमने सोचा कि वार्ता को संस्थानिक रूप देना और औपचारिक वार्ता स्थापित करना वास्तव में अच्छा होगा।
इसके पीछे यही पृष्ठभूमि है।
प्रश्न :... (अश्रव्य) ...
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :हमारा एक रक्षा एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी दस्तावेज है। यह वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी
और रक्षा साझेदारी की घोषणा है, यह एक बड़ा कदम है। मैं बस आश्वस्त होना चाहती हूँ कि मैं आपको सही सूचना दे रही हूँ।
इसमें अनुसंधान एवं विनिर्माण, मेक इन इंडिया, प्रौद्योगिकी अंतरण एवं प्रशिक्षण सहित रक्षा सहयोग के सभी क्षेत्रों की बात की गई है। इस प्रकार, इसके तहत वास्तव में हर चीज शामिल है। और इसके तहत वे सौदे शामिल हैं जो प्रक्रियाधीन हैं परंतु जो वास्तव
में प्रक्रिया से संबंधित मुद्दे हैं। मैं वास्तव में कोई घोषणा नहीं कर सकती क्योंकि हमारा एक वक्तव्य है।
प्रश्न :क्या आप रूपए में बांड के बारे में बता सकते हैं?मैं इसे
अच्छी तरह से समझ नहीं पा रहा हूँ, यूके रूपए में बांड का समर्थन कर रहा है?
सरकारी प्रवक्ता :मूलत: अब लंदन शहर में बांड रूपए में जारी किए जाएंगे क्योंकि इस तरह से आपको मुद्रा में उतार
– चढ़ाव के विरूद्ध बाड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :और ऐसा पहली बार हो रहा जब लंदन शहर में लंदन स्टॉक एक्सचेंज में रूपए में कोई बांड जारी किया जा रहा है और मेरा
यह मानना है कि आर बी आई ने इस साल अप्रैल में इसे अधिकृत किया है।
प्रश्न :इस प्रकार, इस बांड को यहां खरीदा जाएगा।
सरकारी प्रवक्ता :बिल्कुल ठीक।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :यहां लंदन स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध। और यह रेलवे क्षेत्र में है।
सरकारी प्रवक्ता :भारतीय रेल वित्त निगम (आई आर एफ सी)।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :यह वास्तव में सरकार द्वारा समर्थित बांड है। ऐसी अनेक निजी कंपनियां हैं जिन्होंने ने भी ऐसा किया है
– मेरी समझ से एचडीएफसी, भारती एयरटेल, यस बैंक। इस प्रकार, इसमें एक सरकारी घटक है परंतु इसमें निजी क्षेत्र का भी एक घटक है।
प्रश्न :थोड़ा मनोरंजन के मूड में, कृपया हमें उसकी कुछ अंतर्दृष्टि प्रदान करें जो एक दर एक वार्ता में घटित हुआ है।
जब श्री मोदी चेकर्स जाते हैं तो वह क्या खाना पसंद करते हैं? मेरी समझ से वह कोई फ्राई की गई वस्तु नहीं लेते होंगे।
सरकारी प्रवक्ता :मैं चेकर्स में नहीं हूँ। इसलिए, खेद है कि मैं इस बारे में कुछ भी नहीं बता सकता।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :वह शाकाहारी भोजन ले रहे हैं।
प्रश्न :मेरा मतलब यह है कि शाकाहारी भोजन में क्या परोसा जा रहा है?
सरकारी प्रवक्ता :परंतु यदि आप उसे देखें, जो आज घटित हुआ है, भारतीय तिरंगे के सम्मान में किस तरह लंदन की आइकानिक बिल्डिंगों को रोशनी से सजाया गया, रॉयल एयर फोर्स द्वारा
हमारे तिरंगे को फहराया गया, मेरी समझ से हम जिस सार के बारे में आपको पहले ही जानकारी प्रदान कर चुके हैं उसके अलावा, इस यात्रा से अनेक प्रतीक भी जुड़े हैं। परंतु मेरी समझ से यह तथ्य कि भारत और यूके के बीच यह अनोखा बंधन है और यह कई सारे संपर्कों में अभिव्यक्त
होता है, न केवल यूके में 1.5 मिलियन भारतीय डायसपोरा के माध्यम से और यह तथ्य कि प्रधानमंत्री कैमरन वास्तव में इस विशेष एवं अनोखे बंधन को महत्व देते हैं जो भारत और यूके के बीच मौजूद है, चाहे यह क्रिकेट हो या कोई और क्षेत्र, और प्रधानमंत्री जी ने आज संसद
को संबोधित करते समय अपने भाषण में इन बंधनों में से अनेक का उल्लेख किया।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :यदि मुझे इसमें कुछ जोड़ने की इजाजत हो, तो आज जो फ्लाई पास्ट हुआ वह एक तरह से पहला ऐसा फ्लाई पास्ट है जो ब्रिटिश
ध्वज के रंगों के बगैर अब तक का पहला ब्रिटिश फ्लाई पास्ट है। यह पहली बार है जब किसी विदेशी राष्ट्र के लिए फ्लाई पास्ट किया गया है। ये छोटे-मोटे विशेष भाव प्रदर्शन इस संबंध से जुड़े महत्व को रेखांकित करते हैं।
प्रश्न :संयुक्त वक्तव्य के पैरा 58 में इस बात का उल्लेख है कि
‘... सीमा पारीय अपराधियों को निशाना बनाने के लिए सहयोग बढ़ाने के लिए’। क्या इसके तहत दाऊद इब्राहिम का कोई उल्लेख किया गया है?इस
बारे में बातचीत हुई है कि किस तरह यूके में उसकी परिसंपत्तियां हैं और यह कि भारत सरकार चाहती है कि यूके उस पर कार्रवाई करे।
और कारोबारी करारों के संबंध में, आपने कहा कि यह 9.2 बिलियन पाउंड के लिए करार है, इनमें से ढेर सारे अनेक परिस्थितियों पर आधारित भावी प्रक्षेपणों के रूप में प्रतीत होते हैं। जिस तरह आपने कहा कि भारत में एफ डी आई के दरवाजे खुल गए हैं परंतु विनियामक
मंजूरी प्राप्त करने के अधीन अवीवा, बूपा जैसी कंपनियां इस धनराशि के साथ आएंगी। एक और पैराग्राफ है जिसमें यह कहा गया है कि सी आई आई द्वारा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला। दो बिलियन से कुछ अधिक के लिए भावी अनुमान व्यक्त किया गया है। इस प्रकार, क्या वास्तविक 9.2
बिलियन पाउंड से काफी कम हैं?
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :हमने कभी नहीं कहा कि ये सभी पहले ही घटित हो चुके हैं। हमने जो कहा वह यह है कि जो घोषणाएं हुई हैं उनकी कुल राशि
9.2 बिलियन पाउंड है। और यह ऐसी सभी घोषणाओं का स्वरूप है। मैं वास्तव में यह वचन नहीं दे सकती कि दो व्यवसाय वास्तव में इसे करेंगे। चीजें बदल सकती हैं; कार्य नहीं हो सकते हैं या वे निवेश बढ़ा भी सकते हैं। परंतु एक तरह से मंशा की, प्रयोजन की घोषणा की गई है।
वे ऐसा करना चाहते हैं, ऐसा करने में रूचि है, वे विदेशी निवेश के लिए भारत को एक उर्वर अर्थव्यवस्था के रूप में देख रहे हैं। इसी वजह से इसे संयुक्त वक्तव्य के साथ संलग्न किया गया है।
सरकारी प्रवक्ता :और जैसा कि मैंने कहा, विशिष्ट परियोजनाओं पर चर्चा नहीं हुई तथा इस संयुक्त वक्तव्य का उद्देश्य उस छत्रछाया रूपरेखा का सृजन करना है जिसके तहत इस
तरह का सुरक्षा सहयोग जारी रह सकता है।
प्रश्न :फ्रांस की यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री तथा इस सरकार ने बहुत महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत दिया था कि वे
रक्षा क्रय के संबंध में सरकार दर सरकार फार्मेट से आगे निकल कर विनिर्माता से सीधे बात करने के फार्मेट में प्रवेश कर रहे हैं। जो सामरिक सहयोग है उससे हटकर सरकार दर सरकार आधार पर भी किसी रक्षा सहयोग एवं वार्ता, किसी वाणिज्यिक वार्ता या उस पुराने मॉडल का ही अनुसरण
हो रहा है?मैं बस यह समझना चाहता हूँ कि क्या ब्रिटिश कंपनियों के लिए फ्रांस मॉडल का अनुसरण किया जा रहा है तथा ब्रिटिश सरकार भारत के लिए बात करेगी।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :मेरी समझ से नहीं। यदि आप नई रक्षा एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी पर करार को देखेंगे, तो हमने निश्चित रूप
से इस बारे में बात की है कि सरकार अधिक सहयोग का समर्थन करेगी, भारत – यूके साझेदारी में वृद्धि का समर्थन करेगी। इसमें सरकार दर सरकार फार्मेट का विशिष्ट रूप से कोई उल्लेख नहीं है।
सरकारी प्रवक्ता :परंतु इसने
इसे नकारा भी नहीं है।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) :और यह दो सरकारों की बातचीत के बारे में है।
सरकारी प्रवक्ता :बिल्कुल ठीक।
प्रश्न :एक अलग पक्ष पर, क्या ऐसा कोई सरोकार या मुद्दा था जिसे प्रधानमंत्री कैमरन ने श्री मोदी के साथ उठाया, अर्थव्यवस्था
के संबंध में या किसी अन्य सिलसिले में, असहिष्णुता के सामान्य माहौल के सिलसिले में क्योंकि एक पत्र था जो खुला था, जो उनको संबोधित था?
सरकारी प्रवक्ता :जी नहीं, जैसा कि आप जानते हैं, यह मुद्दा प्रेस सम्मेलन के दौरान उठा था। प्रधानमंत्री को जो कहना था वह पहले ही कह चुके हैं। इस पर हमारी और कोई टिप्पणी
नहीं है।
ऐसा लगता है कि अब कोई और प्रश्न नहीं है। मेरी समझ से हमें अब यह प्रेस वार्ता बंद करनी चाहिए। आप सभी का धन्यवाद।
(समाप्त)