राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 3692
दिनांक 25.07.2019 को उत्तर देने के लिए
'पहले पड़ोस' की नीति
3692. श्री संजय सिंहः
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) सरकार की 'पहले पड़ोस’ की नीति के लक्ष्य क्या-क्या हैं;
(ख) वर्तमान में इन लक्ष्यों की स्थिति क्या है; और
(ग) नीति के अनुरूप उठाए जाने हेतु भावी कदम यदि कोई हो तो क्या-क्या होंगे?
उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)
(क) से (ग) सरकार अपनी "पड़ोसी देश प्रथम" नीति के अंतर्गत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण एवं परस्पर लाभकारी संबंध विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध है। भारत अपने पड़ोसी देशों का एक सक्रिय आर्थिक साझेदार है और वह इन देशों में बड़ी संख्या में विकास परियोजनाओं
से जुड़ा हुआ है। भारत की 'पड़ोसी देश प्रथम' नीति के तहत स्थिरता एवं समृद्धि के लिए परस्पर लाभकारी, आमजन उन्मुखी, क्षेत्रीय कार्यढाँचा तैयार करने पर ध्यान दिया जाता है। इन देशों के साथ हमारा विनियोजन एक परामर्शी, गैर-पारस्परिकता तथा परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण
पर आधारित है और साथ ही इस व्यवस्था के तहत अधिक से अधिक कनेक्टिवटी, उन्नत बुनियादी सुविधा, विविध क्षेत्रों में मजबूत विकास सहयोग, सुरक्षा तथा लोगों के व्यापक आपसी संपर्क जैसे लाभों पर ध्यान दिया जाता रहेगा।
सरकार पाकिस्तान के साथ सामान्य मैत्रीपूर्ण संबंध चाहती है और वह सभी विवादास्पद मुद्दों को शिमला समझौता तथा लाहौर घोषणा के अनुसार द्विपक्षीय एवं शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए वचनबद्ध है। तथापि, किसी भी प्रकार की सार्थक बातचीत एक भयमुक्त, वैमनस्य एवं हिंसामुक्त
माहौल में ही हो सकती है। इस प्रकार का माहौल तैयार करना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है।
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