राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 3696
दिनांक 25.07.2019 को उत्तर देने के लिए
विदेश में काम कर रहे भारतीयों का डाटा बेस
3696. डा.शशिकला पुष्पा रामास्वामी:
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या सरकार ने विदेश में कार्यरत भारतीयों के संबंध में विस्तृत डाटाबेस तैयार किया है ताकि उन देशों में काम करते समय उनको पेश आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सके;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(ग) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)
(क) से (ग) ऐसे भारतीय नागरिक जो उत्प्रवासन जांच अपेक्षित (ईसीआर) श्रेणी पासपोर्ट धारक हैं और किसी भी अधिसूचित ईसीआर देश में रोजगार के उद्देश्य से जा रहे हैं का ब्यौरा ई-माईग्रेट प्रणाली में दर्ज हो जाता है जो सरकार को उत्प्रवासी कामगारों, मिशनों , भर्ती
एजेंटों, विदशी नियोक्ताओं और बीमा एजेंसियों का एक ब्यापक एवं ऑनलाईन डाटाबेस प्रदान करती है। ई-माईग्रेट का लक्ष्य उत्प्रवासन प्रक्रिया को तेज,पारदर्शी बनाना है तथा सभी हितधारकों के प्रत्यय पत्र का आंनलाईन प्रमाणीकरण/ सत्यापन कराना है। इसके अतिरिक्त,
स्वैच्छिक आधार पर प्रणाली में पंजीकरण कराने पर ई-माईग्रेट में उन व्यक्तियों का ब्यौरा भी शामिल है जो उत्प्रवासन जांच अनपेक्षित (ईसीएनआर) श्रेणी के तहत रोजगार के लिए जा रहे हैं। ई-माईग्रट के अनुसार पिछले तीन वर्षो में ऐसे व्यक्तियों की संख्या
अनुबंध
में
संलग्न है।
वर्तमान में, ईसीआर देशों में रोजगार के लिए जाने वाले उत्प्रवासन जांच अपेक्षित (ईसीआर) पासपोर्ट धारकों को छोड़कर रोजगार की तलाश करने वाले ईसीएन आर पासपोर्ट धारक अथवा गैर-ईसीआर देशों में जाने वाले ईसीआर पासपोर्ट धारकों के लिए ई-माईग्रेट प्रणाली पर पंजीकरण कराना
अनिवार्य नहीं है। इसके अतिरिक्त,विदेशों में कार्यरत भारतीयों के लिए भी अपने आप को संबंधित भारतीय मिशन में पंजीकृत कराना उचित तो है परन्तु अनिवार्य नहीं है।
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