राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 4067
दिनांक 07.04.2022 को उत्तर देने के लिए
खाड़ी देशों की जेलों में बंद भारतीय
4067. श्रीमती अम्बिका सोनी:
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :
(क) क्या विदेशी जेलों, विशेषकर खाड़ी देशों की जेलों में एक बड़ी संख्या में भारतीय लोग फंसे हुए है या बंद हैं;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(ग) सरकार द्वारा ऐसे भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)
(क) और (ख) मंत्रालय के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 8278 है। देश-वार सूची अनुबंध-I
में दी गई है। हालांकि कई देशों में प्रचलित मजबूत निजता कानूनों के कारण स्थानीय अधिकारी कैदियों के बारे में तब तक जानकारी साझा नहीं करते हैं, जब तक संबंधित व्यक्ति ऐसी जानकारी के प्रकटीकरण के लिए अपनी सहमति नहीं देता है। यहां तक कि जानकारी साझा करने वाले देश भी आमतौर पर विदेशी कैदियों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं देते हैं।
(ग) सरकार विदेशी जेलों में बंद कैदियों सहित विदेशों में मौजूद भारतीयों की सुरक्षा, हिफाजत और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। विदेश स्थित भारतीय मिशन/केंद्र इस विषय में सतर्क रहते हैं और विदेशों में स्थानीय कानूनों के उल्लंघन/कथित उल्लंघन के लिए भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की घटनाओं पर बारीकी से नजर रखते हैं।
जैसे ही भारतीय मिशन/केंद्र को किसी भारतीय नागरिक को हिरासत में लिए जाने/गिरफ्तार किए जाने के बारे में सूचना मिलती है, वह तुरंत स्थानीय विदेश कार्यालय और अन्य संबंधित स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करता है ताकि हिरासत में लिए गए/गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक के मामले के तथ्यों का पता लगाने, उसकी भारतीय राष्ट्रीयता की पुष्टि करने और उसकी सलामती सुनिश्चित करने के लिए उसे कोंसुली सहायता दी जा सके। भारतीय मिशन और केंद्र हर प्रकार की कोंसुली सहायता प्रदान करने के अलावा, जहां भी आवश्यक हो, कानूनी मदद प्रदान करने में भी सहायता प्रदान करते हैं। जहां भारतीय समुदाय के बहुतायत नागरिक रहते हैं, वहां भारतीय मिशन और केंद्र वकीलों का एक स्थानीय पैनल भी रखता है।
विदेश स्थित भारतीय मिशनों और केन्द्रों द्वारा विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों के प्रत्यावर्तन के मुद्दे को संबंधित स्थानीय प्राधिकारियों के साथ नियमित रूप से उठाया जाता है। सरकार अन्य देशों के साथ कोंसुलर और अन्य परामर्शों के दौरान भी इस मसले को उठाती रहती है।
इसके अतिरिक्त, सरकार अपने मिशनों/केंद्रों के माध्यम से और उच्च स्तरीय दौरों के दौरान विदेशों में भारतीय कैदियों की सजा को माफ करने/कम करने के मामले को भी उठाती रहती है।