निदेशक (एक्सपीडी), डॉ. वेंकटचलम मुरुगन: नमस्कार मित्रों। आज हमारे साथ सचिव (पूर्वी क्षेत्र), श्री टी एस तिरुमूर्ति, बेनिन में भारत के राजदूत, महामहिम श्री अभय ठाकुर और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव, आर रवींद्र तथा भारत
के राष्ट्रपति के उप-प्रेस सचिव श्री निमिष रुस्तगी उपस्थित हैं।
सचिव (पूर्वी क्षेत्र), श्री टी एस तिरुमूर्ति:
मित्रों, भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद इस समय पश्चिमी अफ्रीका के अपने तीन देशों के दौरे के पहले चरण में बेनिन की राजकीय यात्रा कर रहे हैं।
सरकार के कार्यभार संभालने के बाद माननीय राष्ट्रपति जी की यह पहली यात्रा है। अफ्रीका का उनके पहले गंतव्य के रूप में चुना जाना, सरकार द्वारा अफ्रीका, विशेष रूप से पश्चिमी अफ्रीका के साथ हमारे संबंधों को दी जाने वाली उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है। यह भारतीय राष्ट्रपति
की बेनिन की पहली यात्रा है।
कल, माननीय राष्ट्रपति जी के आगमन पर बेनिन के विदेशी मामलों और सहयोग मंत्री ने उनका स्वागत किया। आज सुबह माननीय राष्ट्रपति की बेनिन के राष्ट्रपति, महामहिम पैट्रिस तालोन के साथ बहुत ही उत्साह और सौहार्दपूर्ण बैठक हुई।
बेनिन के राष्ट्रपति ने माननीय राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया और यह विश्वास प्रकट किया कि माननीय राष्ट्रपति जी की बेनिन यात्रा, भारत-बेनिन द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति प्रदान करेगी। उन्होंने उल्लेख किया कि बेनिन की यात्रा से, भारत की अफ्रीका के साथ
काम करने और भारत-अफ्रीका के द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान करने की भारत की इच्छा परिलक्षित है।
उन्होंने बेनिन की स्वतंत्रता के बाद से, उसके भारत के विकास सहयोग से लाभान्वित होने का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब बेनिन का सबसे बड़ा भागीदार है। राष्ट्रपति टेलोन ने अपनी सरकार द्वारा समाज में अधिक विकास और परिवर्तन लाने और अपने लोगों के कल्याण को बढ़ाने
के लिए सुधारों और पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित करते हुए की जा रही विभिन्न पहलों पर जानकारी दी।
उन्होंने भारत से बेनिन पर विशेष ध्यान देने और बेनिन में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने का अनुरोध किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे के साथ-साथ 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक गैर-स्थायी सदस्य
बनने के हमारे दावे के लिए बेनिन के समर्थन का आश्वासन दिया।
हमारे माननीय राष्ट्रपति जी ने दोनों देशों के मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंधों और इन संबंधों को बहुआयामी बनाने की हमारी इच्छा का उल्लेख किया। उन्होंने बेनिन के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और बेनिन को भारत के विश्वसनीय मित्र के रूप में संदर्भित किया।
उन्होंने संकेत दिया कि भारत बेनिन के नागरिकों को ई-वीज़ा की सुविधा प्रदान करेगा ताकि लोगों के लोगों से संपर्क और व्यापारिक जुड़ाव को बढ़ाया जा सके। बढ़ती विकास साझेदारी विशेष रूप से अब तक 130 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की भारत की ऋण श्रृंखला के प्रभावी उपयोग
पर संतोष व्यक्त करते हुए, माननीय राष्ट्रपति जी ने विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त नई ऋण श्रृंखला की घोषणा की। दोनों नेताओं ने अफ्रीकी महाद्वीप के लिए टेली-एजुकेशन और टेली-मेडिसिन कार्यक्रम ई-विद्याभारती और अरोग्यभारती के समझौता
ज्ञापन हस्ताक्षर करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।
राष्ट्रपति टेलोन ने इस पहल की विशेष रूप से सराहना की क्योंकि यह बेनिन के लोगों को अफ्रीका के लिए आबंटित 15000 से अधिक टेली-एजुकेशन स्लॉट और अफ्रीका के डॉक्टरों एवं पैरामेडिक्स के लिए निर्धारित 1000 टेली-मेडिसन स्लॉट से लाभान्वित होने का अवसर देगी। उन्होंने
रक्षा प्रशिक्षण के क्षेत्र सहित भारत द्वारा विस्तारित व्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रम की भी सराहना की। भारत राजनयिकों के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम के साथ-साथ बेनिन के लिए अंग्रेजी दक्षता पर विशेष आईटीईसी पाठ्यक्रम भी आयोजित करेगा।
दोनों नेताओं ने निर्यात ऋण और निवेश बीमा के क्षेत्र में सहयोग के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया जहां हमारे ईसीजीसी, बेनिन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर करने और राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट के लिए वीजा आवश्यकताओं से पारस्परिक
छूट के समझौते पर हस्ताक्षर का समर्थन करेंगे। दोनों नेताओं ने बेनिन में भारतीय समुदाय के मजबूत और ठोस योगदान की बहुत सराहना की।
दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में इसकी निंदा की। उन्होंने गिनी की खाड़ी में समुद्री सुरक्षा में निकट सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। याद किया जा सकता है कि जनवरी 2018 में जब एक जहाज का अपहरण कर लिया गया था तब बेनिन और पश्चिमी अफ्रीका
के अन्य देशों ने 22 भारतीय नाविकों को रिहा करने में सहायता की थी।
भारत द्वारा आईटीईसी के अंतर्गत रक्षा प्रशिक्षण के लिए, बेनिन के लिए 45 स्लॉट बढ़ाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि बेनिन के लोगों ने इस वर्ष के आरंभ में, पुणे में डकैती प्रतिरोध का प्रशिक्षण लिया था और इस वर्ष मार्च में एएफआईएनडीईएक्स 19 - अफ्रीका इंडिया फील्ड ट्रेनिंग
एक्सरसाइज 2019 में भी शामिल हुए थे।
माननीय राष्ट्रपति जी ने बेनिन नेशनल असेंबली को भी संबोधित किया। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष और संसद के सभी सदस्यों द्वारा बहुत उत्साह से उनका स्वागत किया गया। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि वे भारत के राष्ट्रीय आदर्श वाक्य "सत्यमेवजयते"
की अत्यंत प्रशंसा करते हैं।
उन्होंने अपने बीच राष्ट्रपति जी की उपस्थिति के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने हमारे लोगों की बेहतरी के लिए दोनों संसदों के संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 11 मिलियन लोगों के देश की संसद में 1 अरब से अधिक लोगों के देश के राष्ट्रपति
का भाषण देना बेनिन के लोकतंत्र और राष्ट्रीय विविधता को मान्यता देने का उज्जवल उदाहरण है।
माननीय राष्ट्रपति ने दोनों देशों को परस्पर जोड़ने वाली स्थायी मित्रता की बात की। उन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ हमारी साझा लड़ाई और लोकतांत्रिक जड़ों को गहरा करने की हमारी प्रतिबद्धता को स्मरण किया। उन्होंने उल्लेख किया कि इस वर्ष हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती
भी मना रहे हैं, जिन्होंने अफ्रीका में 21 वर्ष बिताए थे।
माननीय राष्ट्रपति जी ने पिछले 30 वर्षों में बेनिन में लोकतंत्र के एकीकरण और बेनिन की संसदीय परंपरा की मजबूती की सराहना की। उन्होंने हमारी चुनावी परंपरा और दोनों देशों को जोड़ने वाले संबंधो का उल्लेख किया। उन्होंने दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए हमारी प्रतिबद्धता
की पुष्टि की और भारत और बेनिन के बीच विकास साझेदारी में हमारे योगदान से संबंधित कई मुद्दों की भी चर्चा की।
इसके बाद शाम को बेनिन के माननीय राष्ट्रपति ने हमारे राष्ट्रपति जी के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया और कल बेनिन से गाम्बिया के लिए रवाना होने से पहले वे भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों की एक बैठक को संबोधित करेंगे। धन्यवाद।
निदेशक (एक्सपीडी), डॉ. वेंकटचलम मुरुगन: इस ऐतिहासिक यात्रा का विस्तृत विवरण देने के लिए सचिव महोदय को धन्यवाद।
राष्ट्रपति के उप प्रेस सचिव, श्री निमिष रस्तोगी: मैं केवल यह बताना चाहूँगा कि राष्ट्रपति जी व्यक्तिगत रूप से बेहद प्रसन्न हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद से अफ्रीका के साथ देश के संबंधों को आगे बढ़ाया है। आपको याद
होगा कि अक्टूबर 2017 में वे राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली यात्रा में अफ्रीका के जिबूती और इथियोपिया गए थे और यह यात्रा नई सरकार के आने के बाद पहली और राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के तीसरे वर्ष की भी पहली यात्रा है।
तीन देशों की अपनी इस यात्रा के बाद राष्ट्रपति 23 देशों के दौरे पूरे करेंगे, जिनमें से 10 अफ्रीका में हैं। मैं फिर से यही दोहराना चाहूंगा कि राष्ट्रपति व्यक्तिगत रूप से अत्यंत प्रसन्न हैं कि वे अफ्रीका के साथ मजबूत संबंध बनाने की भारतीय पहल का नेतृत्व कर रहे
हैं, जो देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जैसा कि सचिव ने अभी-अभी उल्लेख किया है।
निदेशक (एक्सपीडी), डॉ. वेंकटचलम मुरुगन: धन्यवाद निमिष। आप सभी को धन्यवाद।