1. गिनी गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम प्रोफेसर अल्फा कोंडे के निमंत्रण पर, भारत गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम राम नाथ कोविंदने 1-3 अगस्त, 2019के बीच गिनी, कोनाक्री कीराजकीय यात्राकी। भारत के राष्ट्रपति के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और पशुपालन, डेयरी
और मत्स्य पालन राज्य मंत्री, श्रीप्रताप चंद्र सारंगी और संसद सदस्य, श्री दिलीप घोष तथा एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी गया था।
2. भारत के किसी राष्ट्रपति की यहगिनी गणराज्य की पहलीराजकीय यात्राथी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच मित्रता और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए की गई थी।
3. दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने, सौहार्द और मैत्रीपूर्ण माहौल में द्विपक्षीय संबंधों औरपरस्पर हितों के अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर गहन विचार-विमर्ष किया।उन्होंने दोनों देशों की एकजुटता के ऐतिहासिक संबंधों और 1983 में दिवंगत राष्ट्रपति अहमद सेको टुरे
की नई दिल्ली में आयोजित गुट निरपेक्ष आंदोलन सम्मेलन में भाग लेने के लिए की गई भारत यात्रा और 2015 में राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की भारत में आयोजित तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलनमें भाग लेने के लिए की गई भारत यात्रा को याद किया।
4. दोनों नेताओं ने आशा व्यक्त की कि कोनक्री में भारत का राजनयिक मिशन खोलना द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाएगा तथा मजबूत करेगा।वे प्रारंभिक स्तर पर, भारत-गिनी संयुक्त आयोग के पहले सत्र के आयोजन के लिए भी सहमत हुए।
5. राष्ट्राध्यक्षों ने दोनों देशों के बीच विकासात्मक सहायता के क्षेत्र में सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। राष्ट्रपति कोंडे ने दो क्षेत्रीय अस्पतालों के निर्माण के लिए भारत द्वारा गिनी कोपहले दी गई35 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रियायती ऋण के लिए भारत की प्रशंसा कीराष्ट्रपति
कोंडे ने इबोला महामारी के उन्मूलन के लिए अपनी लड़ाई के दौरान भारत द्वारा गिनी गणराज्य को दिए गए समर्थन और सहायता के लिए राष्ट्रपति कोविंद को धन्यवाद दिया।
6. राष्ट्रपति कोंडे ने राष्ट्रपति कोविंद को हाल ही में भारतीय संसद के आम चुनावों के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।उन्होंने सामाजिक-आर्थिक और विकासात्मक मुद्दों के साथ-साथ शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की नेतृत्वकारी भूमिका की भी
सराहना की।
7. दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने लोगों और राष्ट्रों की प्रगति और समृद्धि के लिए लोकतंत्र के महत्व पर जोर दिया। इस संदर्भ में, राष्ट्रपति कोविंद ने गिनी में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने की दिशा में विभिन्न पहलों के लिए राष्ट्रपति कोंडे को बधाई
दी।राष्ट्रपति कोविंद ने 2017 के दौरान अफ्रीकी संघ का नेतृत्व करने के लिए भी राष्ट्रपति कोंडे की सराहना की।
8. दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने संशोधित बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के व्यापक सुधारों के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की, जिसमें स्थायी, गैर-स्थायी दोनों तरह की सदस्यता का विस्तार करना शामिल है ताकि इसे और अधिक प्रतिनिधित्व पूर्ण, जवाबदेह,
पारदर्शी, समावेशी और 21वीं सदी की भूराजनीतिक वास्तविकताओं के लिए अधिक प्रभावी बनाया जा सके। राष्ट्रपति अल्फा कोंडे ने 2021-2022 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत की उम्मीदवारी के लिए समर्थन व्यक्त किया।
9. दोनों नेताओं ने दुनिया भर में चरमपंथ और आतंकवाद के उदय पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त कीऔर आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता तथासंयुक्त राष्ट्र में "अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन" को जल्द से जल्द अपनाने की आवश्यकता
पर जोर दिया। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने रक्षा के क्षेत्र और विशेष रूप से आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण की संभावना पर भी चर्चा की।
10. जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिए समन्वित कार्रवाई करने के महत्व को स्वीकार करते हुए, दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने पेरिस समझौते (सीओपी21) के कार्यान्वयन के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) एवं अफ्रीकी अक्षय ऊर्जा पहल
(आईएईआर)के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के संवर्धन की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।
11. इस संबंध में, दोनों नेताओं ने मार्च 2018 में नई दिल्ली में आईएसए संस्थापक सदस्यों के सम्मेलन के दौरान घोषित की गईगिनी में भारत सरकार [जीओआई] के रियायती ऋण द्वारा वित्त पोषित की जाने वाली दो सौर परियोजनाओं 14.4 मिलियन अमरीकी डॉलर (7सार्वजनिक विश्वविद्यालयों
को विद्युत और पेय जल की आपूर्ति के लिए सौर परियोजना] और 5.82 मिलियन अमरीकी डॉलर [गिनी में 200 स्वास्थ्यबुनियादी ढांचे में क्रमशः विद्युतीकरण और प्रशीतन के लिए सौर परियोजना], के कार्यान्वयन के महत्व को रेखांकित किया।
12. गिनी में चल रही अस्पताल परियोजना [अनुच्छेद5 में संदर्भित]के कार्यान्वयन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए, गिनी का सरकार ने दो और अस्पतालों के निर्माण के लिए भारत सरकार [जीओआई] से रियायती ऋणकी मांग की।भारतीय पक्ष प्रस्ताव की जांच करने के लिए सहमत हो गया।
13. यात्रा के दौरान, दोनों राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में निम्नलिखित तीन समझौता ज्ञापनों [एमओयू] पर हस्ताक्षर किए गए:
• गिनी गणराज्य की सरकार और भारत सरकार गणराज्य के बीच पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन।
• ई-वीबीएबी नेटवर्क परियोजना [पैन अफ्रीका ई-नेटवर्क परियोजना का प्रौद्योगिकी उन्नयन] में भागीदारी के लिए गिनी गणराज्य की सरकार और टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड [टीसीआईएल] के बीच समझौता ज्ञापन।
• नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर गिनी गणराज्य की सरकार और भारतीय गणराज्य की सरकार के बीच समझौता ज्ञापन।
14. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद नेमेट्रोपॉलिटन शहर कोनक्री कीजल आपूर्तिपरियोजना के लिए भी 170 मिलियन अमरीकी डॉलर केनए रियायती ऋण की घोषणा की।
15. महामहिम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अपने और उनके प्रतिनिधिमंडल के उदार आतिथ्य के लिए महामहिम राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को धन्यवाद दिया।महामहिम राष्ट्रपति कोविंद ने महामहिम प्रोफेसर अल्फा कोंडे को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और यह
सहमति हुई कि यात्रा की तारीखों को बाद में राजनयिक चैनल के माध्यम से निर्धारित किया जाएगा।
कोनक्री
02 अगस्त, 2019