श्री अरुण कुमार चटर्जी भारतीय विदेश सेवा के 1992 बैच के अधिकारी हैं। पहले, उन्होंने अगस्त 2022 से अगस्त 2024 तक किर्गिज़ गणराज्य में भारतीय दूतावास, बिश्केक में राजदूत; फरवरी 2006 से जुलाई 2007 तक कोरिया गणराज्य में भारतीय दूतावास, सियोल में काउंसलर; दिसंबर 2002 से दिसंबर 2005 तक भारत के स्थायी मिशन (PMI), जिनेवा में प्रथम सचिव/ काउंसलर; और मई 1994 से सितंबर 1998 तक कजाकिस्तान में भारतीय दूतावास, अल्माटी में तृतीय/द्वितीय सचिव के रूप में कार्य किया है।
विदेश मंत्रालय में, श्री चटर्जी ने अवर सचिव/उप सचिव (पूर्वी यूरोप), निदेशक (वित्त), निदेशक/संयुक्त सचिव (CNV & I), विदेश मंत्रालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी और संयुक्त/अतिरिक्त सचिव (पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट) तथा अप्रैल 2016 से नवंबर 2020 तक मुख्य पासपोर्ट अधिकारी के रूप में कार्य किया है। श्री चटर्जी ने नवंबर 2020 और जुलाई 2022 के बीच अतिरिक्त सचिव (प्रशासन) और डीन, सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस (SSIFS) के रूप में कार्य किया है ।
17 दिसंबर, 1965 को जन्मे श्री चटर्जी वाणिज्य में स्नातकोत्तर की उपाधि धारक हैं और वे इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से स्नातक हैं। भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने से पहले उन्होंने 1989 से 1992 तक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के दुर्गापुर स्टील प्लांट में जूनियर मैनेजर के रूप में कार्य किया।
उनकी अनिवार्य विदेशी भाषा कज़ाख है, और उन्हें रूसी और फ्रेंच भाषाओं का कामकाजी ज्ञान भी है।
श्री अरुण कुमार चटर्जी का विवाह श्रीमती अर्पिता चटर्जी से हुआ है और उनके एक बेटा है।