श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 09 जून 2024 को केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने 11 जून 2024 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री और विदेश राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। वे 2024 में 5वीं बार संसद सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश के गोंडा निर्वाचन क्षेत्र से 18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।
वे 12वीं लोकसभा (1998-1999), 14वीं लोकसभा (2004-2009), 16वीं लोकसभा (2014-2019) और 17वीं लोकसभा (2019-2024) के सदस्य रहे हैं। वे उद्योग स्थाई समिति, और रक्षा मंत्रालय की परामर्श दात्री समिति (1998-99), विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पर्यावरण और वन की स्थाई समिति (2004-2009), अनुमान समिति (2014-2015), विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन की स्थाई समिति एवं रक्षा मंत्रालय की परामर्श दात्री समिति (2014-2019), रसायन और उर्वरक की स्थायी समिति (2016-2018), वाणिज्य की स्थायी समिति (2018-2019) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन की स्थायी समिति(2019-2024) के सदस्य रहे हैं।
श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने समाज के सबसे वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए जमीनी स्तर पर काम किया है। उन्होंने ग्रामीण शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने गोंडा में बालिकाओं के लिए एक इंटरमीडिएट विद्यालय और उच्च शिक्षा के लिए एक स्नातकोत्तर विद्यालय की स्थापना की है।
1988 में, उन्होंने फोर्ड फाउंडेशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में केज कल्चर मछली पालन की अपनी तरह की पहली पायलट परियोजना स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह मछली पालन और मछली प्रजनन तकनीकों पर नवीनतम जानकारी प्रदान करने के लिए स्थानीय मछुआरों की सहकारी समितियों के साथ नियमित रूप से कार्यशालाएं आयोजित करते हैं और किसानों को अपनी मछली प्रजनन हैचरी स्थापित करने के लिए तकनीकी ज्ञान भी प्रदान करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण में उनकी विशेष रुचि है। पारिस्थितिक रूप से हानिकारक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वह राष्ट्रीय हरित अधिकरण के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। वह वर्तमान में स्थानीय झीलों को पुनर्जीवित करने की एक परियोजना पर काम कर रहे हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश में वन टांगिया श्रमिक परिवारों के पुनर्वास के लिए सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी है।
श्री कीर्ति वर्धन सिंह व्यापक रूप से यात्रा करते हैं। उनकी अन्य रुचियों में पढ़ना, फोटोग्राफी, पेंटिंग, तीरंदाजी, वाटर स्पोर्ट्स, पैराग्लाइडिंग और एयरो स्पोर्ट्स शामिल हैं। उन्होंने अवध एयरो स्पोर्ट्स सोसाइटी की स्थापना की है और गोंडा के ग्रामीण जिले में एयरो स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित करने और अल्ट्रा लाइट विमानों पर स्थानीय युवाओं को एयर टाइम अनुभव प्रदान करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार के साथ पंजीकृत एक हवाई पट्टी की स्थापना की है।
श्री कीर्ति वर्धन सिंह के पास लखनऊ विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से भूविज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि है। उनका विवाह श्रीमती मधुश्री सिंह से हुआ है और उनका एक बेटा है जिनका नाम श्री जय वर्धन सिंह है।