मानव तस्करी के खतरे से निपटने के उद्देश्य से, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने अनेक उपाय किए हैं जैसे कि प्रशासनिक उपाय और मध्यवर्तनअवैध व्यापार प्रतिकार प्रकोष्ठ (एटीसी) : मानव तस्करी के अपराध से निपटने के लिए विभिन्न निर्णयों को सम्प्रेषित
करने औरराज्य सरकारों द्वारा की गई कार्रवाई पर अनुवर्ती कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय (गृह मंत्रालय) (सीएस प्रभाग) में 2006 में अवैध व्यापार प्रतिकार प्रकोष्ठ (एटीसी) की स्थापना की थी। गृह मंत्रालय सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नामित मानव तस्करी रोधी
इकाइयों के नोडल अधिकारियों के साथ समय-समय पर समन्वय बैठकें आयोजित करता है।
एडवाइजरी : मानव तस्करी के अपराध से निपटने और कानून प्रवर्तन तंत्र की जवाबदेही बढ़ाने में प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित एडवाइजरी जारी की है :
- मानव तस्करी के अपराध को रोकने के लिए एडवाइजरी दिनांक 9.9.2009
- बच्चों के विरुद्ध अपराध पर एडवाइजरी दिनांक 14 जुलाई, 2010
- लापता बच्चों पर 31 जनवरी, 2012 की एडवाइजरी
- बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध को रोकने और उसका प्रतिकार करने पर एडवाइजरी दिनांक 4.1.2012
- संगठित अपराध के रूप में मानव तस्करी पर 30 अप्रैल, 2012 को एडवाइजरी।
- भारत में मानव तस्करी को रोकने और उसका मुकाबला करने- विदेशी नागरिकों से व्यवहार एडवाइजरी 1.5.2012.
- बाल श्रम के लिए बच्चों की तस्करी की रोकथाम के लिए एसओपी दिनांक 12.08.2013
- मानव तस्करी विरोधी पर गृह मंत्रालय के वेब पोर्टल पर एडवाइजरी दिनांक 5.5.2014
- अपराध बैठकों में एसएसबी और बीएसएफ को शामिल करने के लिए एडवाइजरी 23.7.2015
ये एडवाइजरी/एसओपी www.stophumantrafficking-mha.nic।in में मानव तस्करी विरोधी पर गृह मंत्रालय के वेब पोर्टल पर उपलब्ध हैं।
गृह मंत्रालय की योजना- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से व्यक्तियों के अवैध व्यापार के विरुद्ध भारत में कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए एक व्यापक योजना के अंतर्गत गृह मंत्रालय ने देश के 270 जिलों में मानव तस्करी विरोधी यूनिटों की स्थापना
के लिए निधि प्रदान की है।
क्षमता निर्माण सुदृढ़ करना : कानून प्रवर्तन एजेंसियों के क्षमता निर्माण संवर्धन और उनके बीच जागरूकता पैदा करने के लिए, पूरे देश में क्षेत्रीय स्तर, राज्य स्तर और जिला स्तर पर पुलिस अधिकारियों और अभियोजकों के लिए मानव के अवैध व्यापार का प्रतिकार मुकाबला करने
ले लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया।
न्यायिक संगोष्ठी : निचली अदालत के न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और उन्हें जागरूक करने के लिए उच्च न्यायालय स्तर पर मानव तस्करी पर न्यायिक संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य न्यायिक अधिकारियों को मानव तस्करी से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे
में जागरूक करना और त्वरित अदालती प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। अब तक चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में ग्यारह न्यायिक संगोष्ठियां आयोजित की जा चुकी हैं।