सत्यनिष्ठा समझौता
विदेश मंत्रालय
सतर्कता समझौता
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यह निर्णय लिया है कि पहली जनवरी, 2013 से आगे मंत्रालय तथा भावी बोली दाताओं/विक्रेताओं के बीच 50 करोड़ और इससे अधिक मूल्य की सभी खरीद/परियोजनाओं के लिए पूर्व अनुबंध सत्यनिष्ठा समझौते (आईपी) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह प्रस्ताव विदेश सेवा संस्थान, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् तथा भारतीय वैश्विक कार्य परिषद् सहित विदेश मंत्रालय के सभी संबद्ध अधीनस्थ कार्यालयों तथा स्वायत निकायों पर लागू होगा।
इस आईपी में भावी विक्रेताओं/बोली दाताओं तथा विदेश मंत्रालय के बीच ऐसे समझौते की अवधारणा की गयी है कि दोनों ओर के व्यक्ति/अधिकारी संविदा के किसी भी पहलू में किसी भी स्तर पर किसी भ्रष्ट प्रथा का सहारा न लेने के लिए प्रतिबद्ध हों। केवल वही विक्रेता/बोलीदाता ही बोली प्रक्रिया में भाग लेने के सक्षम समझे जाएंगे जो विदेश मंत्रालय के साथ आईपी से स्वयं की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करेगे। इसकी अवहेलना करने पर बोलीदाताओं को भावी व्यापारिक सौदों के अयोग्य ठहराया जाएगा और उन्हे बहिष्कृत किया जाएगा। किसी संविदा विशेष के संबंध में आईपी में संविधा निविदा आमंत्रित करने की सूचना (एनआईटी) बोली-पूर्व स्तर से लेकर संविदा के निपटारे तक अर्थात् अंतिम भुगतान अथवा वारन्टी/गारन्टी अवधि तक के सभी चरण सम्मिलित हैं
सत्यनिष्ठा समझौते मंत्रालय द्वारा मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी) के परामर्श से नियुक्त किए गए दो स्वतंत्र बाह्य मॉनीटरों के पैनल के माध्यम से कार्यान्वित किए जाएंगे। मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी) के अनुमोदित से नियुक्त आईईएम नाम एनआईटी मे बताए जाएंगे। आईईएम इस बात की स्वतंत्र रूप से समीक्षा करेगा और विषयपरक आकलन करेगा कि आईपी के अंतर्गत पार्टियों ने अपने दायित्वों का निर्वाह किया है या नहीं तथा किसी सीमा तक किया है। जब भी मांगे जाएं आईईएम को संविदा के सभी दस्तावेज देने होंगे। किसी विवाद/शिकायत की स्थिति में बोली दाता आईईएम से सम्पर्क कर सकते हैं। आईएएम प्राप्त शिकायतों की जांच करेंगे तथा विदेश मंत्रालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी को अपनी अनुशंसा/राय देंगे। आईईएम की अनुशंसाएं परामर्शी प्रकृति की होगी वे कानूनी तौर पर बाध्य नहीं होगी। उनकी भूमिका स्वतंत्र प्रकार की है तथा एक बार दिए गए परामर्श की संगठन के अनुरोध पर पुनरीक्षा नहीं की जाएगी। विदेश मंत्रालय मुख्य सतर्कता आयोग के अनुमोदन से आईईएम का पैनल बनाने की प्रक्रिया में है और जैसे ही उनकी नियुक्ति हो जाती है इसकी सूचना सार्वजनिक जानकारी हेतु डाल दी जाएगी।
अनुबंध-पूर्व सत्यनिष्ठा समझौतों का कलेवर
विदेश मंत्रालय तथा .........................................के बीच अनुबंध-पूर्व सत्यनिष्ठा समझौता
----------------------------------------- सामान्य
यह बोली-पूर्व संविदा-पूर्व करार (जिसे इसके बाद सत्यनिष्ठा समझौता कहा जाएगा) एक ओर विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के ............................ओहदे के अधिकारी श्री ...................................के माध्यम से कार्यरत भारत के राष्ट्रपति (जिसे इसके बाद ‘क्रेता’ कहा जागा जिसकी व्याख्या का अभिप्राय होगा और उसके जब तक कि संदर्भ अन्यथा अपेक्षित न हो, उसके कार्यालय में उत्तराधिकारी और सुपुर्द किए गए हो) तथा दूसरी और अन्य कोई संदर्भ अपेक्षित न हो, मैसर्ज..........................................जिसका प्रतिनिधित्व श्री ..................................., मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर रहे है। (इसके बाद बोलीदाता/विक्रेता कहा जाएगा जिसका अभिप्राय और जिसमें अब तक अन्य कोई संदर्भ अपेक्षित न हो उसके अधिकारी तथा अनुमत समनुदेशित) के बीच वर्ष.............के ...........महीने के .............दिन किया गया।
जबकि क्रेता ................................(भण्डार/उपस्कर/मद का नाम) खरीदने का प्रस्ताव देता है तथा बोलीदाता/विक्रेता भण्डारों के पेशकश करता है/पेशकश की है और
जबकि बोलीदाता एक निजी कम्पनी/सार्वजनिक कम्पनी/सरकारी उपक्रम/भागीदारी/पंजीकृत निर्यात एजेंसी है जिसका गठन इस मामले में संगत विधि के अनुसार किया गया है तथा क्रेता भारत के राष्ट्रपति की ओर अपने कार्यों का निष्पादन न कर रहा भारत सरकार का एक मंत्रालय है।
अब इसलिए, की गई संविदा की अवधि से पूर्व, के दौरान और तत्पश्चात् एक साफ-सुथरा, पारदर्शी तथा किसी भी प्रभाव/पूर्वाग्रह पूर्वक कार्य करने की एक पद्धति का अनुसरण करके सभी प्रकार के भ्रष्टाचार से बचने के लिए इस दृष्टिकोण से कि:
क्रेता सार्वजनिक खरीद में उच्च लागत तथा भ्रष्टाचार पूवर् हेरा-फेरी की कार्रवई (कृत्यों) से बचकर दी गयी विशिष्टियों के अनुरूप प्रतिस्पर्धा मूल्य पर उक्त वांछित भंडार/उपस्कर प्राप्त कर सके, और
क्रेताओं को यह आश्वासन देकर कि उनके प्रतिस्पर्धी भी रिश्वत देने और अन्य भ्रष्ट पद्धतियों से दूर रहेंगे वे संविदा प्राप्त करने के उद्देश्य से किसी भी कार्रवाई में शामिल होने तथा रिश्वत देने से बचेंगे और क्रेता पारदर्शी प्रक्रियाओं का अनुसरण पर अपने कर्मचारियों द्वारा किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हो सकेगें।
एतद्द्वारा पक्ष इस सत्यनिष्ठा समझौते पर सहमत है और निम्नुसार सहमती प्रदान करते है:
क्रेता की वचनबद्धताएं
1.1. क्रेता यह वचन देता है कि संविदा से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा क्रेता का कोई भी कर्मचारी बोली प्रक्रिया में किसी लाभ के बदले, बोली के मूल्यांकन, संविदा देने अथवा संविदा से संबद्ध प्रक्रिया लागू करने में किसी फायदे के लिए स्वयं के लिए या संविदा से जुड़ किसी व्यक्ति, संगठन अथवा तृतीय पक्ष के लिए बोलीदाता से किसी भी प्रकार की रिशवत, लाभ, तोहफा, पुरस्कार, अनुग्रह अथवा कोई भौतिक या अभौतिक लाभ किसी अन्य फायदे की मांग, किसी प्रकार की वचनबद्धता या सीधे या किसी बिचौलिएं के माध्यम से स्वीकार नहीं करेगा।
1.2. पूर्व-संविदा स्तरके दौरान क्रेता सभी बोली दाताओं से एक समान व्यवहार करेंगे और सभी बोलीदाताओं को एक जैसी जानकारी देंगे तथा किसी विशेष बोलीदाता को ऐसी कोई जानकारी नहीं देंगे जिससे अन्य बोलीदाताओं की तुलना में विशेष बोलीदाता को कोई फायदा पहुंचे।
1.3. क्रेता के सभी कर्मी उपर्युक्त प्रतिबद्धताओं को तोड़ने के किसी भी प्रयास अथवा पूर्णत: तोड़ने एवं ऐसे उल्लंघन के किसी पर्याप्त सन्देह की सूचना उचित सरकारी कार्यालय को देंगे।
2.यदि ऐसे कर्मी(यों) की ओर से किए गए किसी ऐसे कदाचार की सूचना बोलीदाता द्वारा क्रेता को दी जाती है जिसमें पूर्ण तथा प्रमाणनीय तथ्य दिए गए हों, तथा क्रेता द्वारा उन्हें प्रथम दृष्टा सही पाया गया हो क्रेता द्वारा आवश्यक अनुशासनिक कार्रवई या अन्य कोई कार्रवाई जो उचित समझी जाए जिसमें दण्डनीय कार्रवाई शामिल है, की जाएगी तथा ऐसा व्यक्ति संविदा प्रक्रिया से संबंधित आगे के व्यवहार (लेनदेन) से विवर्जित किया जाएगा। ऐसे मामले में जहां क्रेता द्वारा जांच-पड़ताल की जा रही हो संविदा के अंतर्गत कार्रवाई रोकी नहीं जाएगी।
बोलीदाताओं की प्रतिबद्धताएं
3. बोलीदाता संविदा हासिल करने के उद्देश्य से अथवा इसे हासिल करने के लिए और आगे बढ़ोतरी के लिए इसकी बोली की किसी भी स्थिति के दौरान या किसी पूर्व-संविदा के दौरान या संविदा-उपरान्त की स्थ्िाति में भ्रष्ट व्यवहार, अनुचित तरीकों तथा गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक सभी उपाय करने की स्वयं वचनबद्धता देगा तथा विशेषतौर पर निम्नलिखित के प्रति स्वयं वचनबद्ध रहेगा।
3.1. 3.1 बोलीदाता बोली प्रक्रिया से सीधे अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े किसी व्यक्ति, क्रेता के किसी कर्मचारी को, किसी व्यक्ति, संगठन अथवा संविदा से जुड़े, तृतीय पक्ष बोली प्रक्रिया मूल्यांकन, संविदा कार्रवाई और संविदा के कार्यान्वयन में किसी लाभ के बदले सीधे अथवा बिचौलिएं के माध्यम से कोई रिश्वत, तोहफा, ईनाम, पुरस्कार, अनुग्रह, कोई भौतिक अथवा अभौतिक लाभ, या फायद, कमीशन, शुल्क, दलाली अथवा प्रलोभन की पेशकश नहीं करेगा।
3.2. बोलीदाता आगे यह भी वचन देताहै कि उसने क्रेता के किसी कर्मचारी अथवा अन्य को संविदा खरीदने में या संविदा प्राप्ति या निष्पादन से सम्बद्ध किसी को करने से बचे रहनेया किए जाने के लिए, सरकार के साथ किसी संविदा में संविदा से सम्बद्ध किसी व्यक्ति को अनुग्रह अथवा अनअनुग्रह दर्शाने या दर्शाने से बचे रहने अथवा सरकार के साथ किसी अन्य संविदा के लिए प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कोई रिश्वत, तोहफा, ईनाम, पुरस्कार, अनुग्रह, कोई भौतिक अथवा अभौतिक लाभ, या फायद, कमीशन, शुल्क, दलाली अथवा प्रलोभन न तो दिया है, न पेशकश की है या देने का वादा किया है।
3.3. बोलीदाता एजेन्टों तथा प्रतिनिधियों के नाम तथा पता बताएंगे और भारतीय बोलीदाता अपने विदेशी प्रधानों अथवा सहयोगियों के बताएंगे।
3.4. ीदाता इस बोली/संविदा से संबंधित एजेंटों/ प्रतिनिधियों तथा बिचौलियों को किए गए भुगतान का ब्यौरा देंगे।
3.5. बोलीदाता आगे क्रेता को यह पुष्टि करेगा और घोषण करेगा कि बोलीदाता सामग्री मूल का विनिर्माता/समाकलक/सरकारी प्रायोजित निर्यात हस्ती है और उसने क्रेता या उसके किसी कार्यकर्त्ता को चाहे वह सरकारी या गैर सरकारी हो, बोलीदाता को संविदा प्रदान करने के लिए किसी व्यक्ति विशेष या फर्म या कम्पनी चाहे वह भारतीय हो या विदेशी, को मध्यस्था करने, मदद करने या किसी भी प्रकार की सिफारिश करने के लिए नहीं लगाया है और न ही ऐसे किसी व्यक्ति, फर्म या कम्पनी को ऐसी किसी मध्यस्था, मदद या सिफारिश के लिए कोई राशि दी है, देने का वचन दिया है या देने की मंशा है।
3.6. बोलीदाता बोली लगाते समय या संविदा-पूर्व चर्चा के दौरान या संविदा पर हस्ताक्षर करने के पूर्व यह बताएगा कि उसने संविदा के सिलसिले में क्रेता के कर्मचारियों को या उसके परिवार के किसी सदस्य, एजेन्ट, बिचौलिए या अन्य किसी मध्यस्थ को कोई भुगतान किया है, करने का वचन दिया है या भुगतान करने की मंशा है या ऐसे भुगतानों के लिए सहमत सेवाओं का ब्यौरा देगा।
3.7. बोलीदाता संविदा में रूचि लेने वाली अन्य पार्टियों के साथ बोली प्रक्रिया की पारदर्शिता, स्पष्टता तथा प्रगति को, बोली मूल्यांकन, संविदा देने तथा संविदा के कार्यान्वयन में बाधा डालने के लिए कोई सांठगांठ नहीं करेगा।
3.8. बोलीदाता भ्रष्ट पद्धति, अनुचित तरीकों तथा गैर-कानूनी गतिविधियों के बदले में कोई लाभ स्वीकार नहीं करेगा।
3.9. बोलीदाता क्रेता द्वारा व्यवसायिक सम्बद्धता के अंश के रूप में दी गयी कोई भी जानकारी, योजनाओं, तकनीकी प्रस्तावों तथा व्यवसायिक विवरण, किसी इलेक्ट्रोनिक डाटा वाहक में रखी गयी जानकारी सहित, प्रतिस्पर्धा या व्यक्तिगत लाभ के लिए गलत ढ़ग से उपयोग नहीं करेगा या दूसरों को नहीं देंगा। बोलीदाता इसके लिए भी पर्याप्त ध्यान रखने की कोशिश करेगा कि कोई भी ऐसी जानकारी प्रकट न कर सकें।
3.10. बोलीदाता बिना पूर्ण एवं प्रमाणनीय तथ्यों को कोई भी शिकायत सीधे या किसी अन्य तरीके से देने से परहेज करने की वचनबद्धता देता है।
3.11. बोलीदाता किसी तीसरे व्यक्ति को कोई भी उपर्युक्त काम करने के लिए उकसाएगा नहीं और न उकसाने का निमित बनेगा।
3.12. यदि बोलीदाता या उसका कोई कर्मचारी या बोलीदाता की ओर से कार्यरत कोई व्यक्ति प्रत्यक्षत: या अप्रत्यक्ष रूप से क्रेता के किसी भी अधिकारी का रिश्तेदार हो या वैकल्पिक समझे यदि क्रेता के किसी अधिकारी का कोई रिश्तेदार बोलीदाता की फर्म में कोई वित्तीय निहितार्थ/ हित रखता हो बोलीदाता को निविदा भरते समय इसका खुलासा करना होगा।
इस प्रयोजन के लिए ‘रिश्तेदार’ शब्द से वही अभिप्राय है जैसा कम्पनी अधिनियम 1956 की धारा 6 में दिया गया है।
3.13. बोलीदाता क्रेता के किसी भी कर्मचारी से कोई धन न उधार लेगा और न उधार देगा, न किसी मौद्रिक कार्य या लेनदेन मे सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होगा।
4. पिछला अतिचार
4.1. बोलीदाता यह घोषणा करता है कि इस सत्यनिष्ठा समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरन्त पहले पिछले तीन वर्ष में किसी अन्य कम्पनी से अन्य देश में यहां परिकल्पित किसी भ्रष्ट प्रणाली संबंधी अथवा भारत में किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के साथ या भारत मे किसी सरकारी विभाग के साथ पीछे कोई अतिचार नहीं हुआ है जिससे बोलीदाता को निविदा प्रकिया से बर्खास्त किए जाने का औचित्य बनाता हो।
4.2. बोलीदाता सहमत है कि यदि इस विषय में कोई गलत विवरण दिया गया हो तो बोलीदाता को इस निविदा प्रक्रिया के आयोग्य ठहराया जा सकता है अथवा यदि संविदा पहले ही दी जा चुकी हो तो उसे इस कारण से समाप्त किया जा सकता है।
5. बयाना राशि
5.1 वाणिज्यिक बोल प्रस्तुत करते समय बोलीदाता को ....................रुपए की राशि आरएफपी में निर्दिष्ट अनुसार बयाना राशि/सुरक्षा जमा के रूप में नीचे दिए गए किसी भी माध्यम से क्रेता के पास जमा करानी होगी:
(i) ................................के नाम बैंक ड्राफ्ट या भुगतान आदेश द्वारा
(ii) किसी भारतीय राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा सम्पुष्ट गारन्टी जिसमें क्रेता की मांग पर गारन्टी में दी गई राशि के तीन कार्य दिवसों के भीतर बिना किसी पूर्वापत्ति के, चाहे जो हो अथवा कुछ भी कारण मांगे बिना भुगतान का वचन दिया गया हो। क्रेता द्वारा की गयी भुगतान की मांग, भुगतान का निर्यातक प्रमाण मानी जाएगी।
(iii) आरएफपी मे बताए गए किसी अन्य माध्य अथवा किसी दूसरे तरीके से
5.2.बयाना राशि/सुरक्षा जमा पांच वर्ष की अवधि तक अथवा बोलीदाता और क्रेता दोनों की पूर्व संतुष्टि संविदात्मक अनुबंध-पत्रों के पूर्ण निष्कर्ष पर्यन्त जिसमें वारन्टी की अवधि शामिल है, जो भी बाद में हो, वैध रहेगी।
5.3. सफल बोलीदाता के मामले में खरीद संविदा में निष्पादन बांड से संबंधित अनुच्छेद में एक खंड भी जोड़ा जाएगा कि क्रेता द्वारा इस समझौते के उल्लंघन के लिए अनुशास्ति लगाने हेतु बिना कोई कारण बताए निष्पादन बांड जब्त करने के लिए, लिए गए निर्णय की स्थिति में निष्पादन बांड की जब्ती हेतु उल्लंघन के लिए अनुशास्तियों के प्रावधान लागू होंगे।
5.4. बयाना राशि/सुरक्षा जमा पर इस प्रक्रिया की अवधि के लिए क्रेता द्वारा बोलीदाता को कोई ब्याज देय नहीं होगा।
6. उल्लंघन के लिए अनुशास्तियां
6.1. बोलीदाता या उसके द्वारा नियोजित व्यक्ति या उसकी ओर से कार्यरत (चाहे बोलीदाता की जानकारी से हो या बिना जानकारी के) पूर्वोक्त प्रावधानों के भंग करने की स्थिति में क्रेता को उनके विरूद्ध निम्नलिखित कार्रवाई में सभी या कोई एक, जैसी भी अपेक्षित हो करने का अधिकार होगा:
(i) बिना कोई कारण बताए अथवा बोलीदाता को कोई क्षतिपूर्ति दिए पूर्व-संविदा परक्रामण को तुरन्त रद्द करना। परन्तु अन्य बोलीदाता(ओं) के साथ प्रक्रिया चालू रहेगी।
(ii) जमा बयाना राशि (संविदा-पूर्व स्तर पर) और या सुरक्षा जमा/निष्पदन बांड (संविदा पर हस्ताक्षर किए जाने के उपरान्त) पूर्णत: या आंशिक रूप से जैसा भी क्रेता का निर्णय हो, जब्त हो जाएंगे तथा क्रेता को इसके लिए कोई कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी।
(iii) यदि पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हों तो बोलीदाता को कोई क्षतिपूर्ति किए बिना संविदा को तत्काल रद्द करना।
(iv) क्रेता द्वारा पहले ही भुगतान की जा चुकी सारी राशि वसूल करना और भारतीय बोलीदाता के मामले में भारतीय स्टेट बैंक की प्रचलित प्राइम उधारीदर से उस पर 2% अधिक ब्याज तथा बोलीदाता के भारत के इतर किसी देश से होने की स्थिति में लाइबोर (एलआइबी) ओआर से 2% ऊँची दर से ब्याज वसूल करना। यदि क्रेता से बोलीदाता को किसी दूसरी संविदा के संबंध में, किसी अन्य भंडार (सामग्री) के लिए कोई बकाया भुगतान देय हो तो ऐसे बकाया भुगतान का भी पूर्वोक्त राशि तथा ब्याज वसूल करने में उपयोग किया जा सकता है।
(v) क्रेता द्वारा पहले ही किए जा चुके भुगतान की ब्याज सहित वसूली के लिए यदि बोलीदाता ने अग्रिम बैंक गारंटी तथा निष्पादन बांड/वारन्टी बांड दिए हुए हों उन्हें भुनाना।
(vi) बोलीदाता के साथ हुई सभी अथवा अन्य संविदाओं को रद्द करना। बोलीदाता ऐसे रद्दीकरण/निरसर के कारण क्रेता को हुई किसी क्षति या नुकसान की क्षतिपूर्ति करने का जिम्मेदार होगा तथा क्रेता बोलीदाता को देय धनराशि में से इस प्रकार के भुगतान की राशि काट लेने को हकदार होगा।
(vii) बोलीदाता को भारत सरकार की भावी बोली प्रक्रियाओं में भाग लेने से, कम से कम पांच वर्ष की अवधि जिसे क्रेता के विवेक पर आगे बढ़ाया जा सकता है, बहिष्कृत करना।
(viii) बोलीदाता(ओं) द्वारा संविदा हासिल करने के दृष्टिकोण से किसी बिचौलिए या एजेंट अथवा दलाल को इस समझौते के उल्लंघन में भुगतान की गयी सभी राशि वसूल करना।.
(ix) ऐसे मामलों में जहां क्रेता द्वारा बोलीदाता के साथ हस्ताक्षरित किसी संविदा के संबंध में अप्रतिसंहरणीय साख-पत्र प्राप्त हुए हों, उन्हें खोला नहीं जाएगा।
(x) इस समझौते के उल्लंघन के कारण प्रतिबंध लागू करने के लिए बिना कोई कारण बताए जब्ती हेतु क्रेता द्वारा लिए गए निर्णय की स्थिति में निष्पादन बांड जब्त करना।
6.2. क्रेता को बोलीदाता या उसके द्वारा नियोजित व्यक्ति अथवा उसकी एवज में कार्यरत व्यक्ति द्वारा (चाहे बोलीदाता की जानकारी में हो यह न हो) भारतीय दंड संहिता, 1860 के अध्ययाय IX या भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 अथवा भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए बनाए गए किसी अन्य कानून में बताए गए किसी अपराध के किए जाने पर इस समझौते के पैरा 6.1 (i) से (x) तक उल्लिखित सभी या कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
6.3. क्रेता का इस आशय का निर्णय, कि बोलीदाता ने इस समझौते के प्रावधानों को तोड़ा है, बोलीदाता के लिए अंतिम एव निर्णायक होगा। तथापि, बोलीदाता इस समझौते के प्रयोजनों से नियुक्त स्वतंत्र मॉनीटर(रों) से शिकायत कर सकता है।
7. अवपात शर्त
7.1. बोलीदाता वचन देता है कि उसने इसी प्रकार का उत्पाद/प्रणालियां या उप-प्रणालियां इस बोली में दिए गये मूल्य के कम पर भारत सरकार के किसी अन्य मंत्रालय या विभाग या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को आपूर्ति नहीं किए है। आपूर्ति नहीं कर रहा है और बाद में किसी भी समय यदि यह पाया गया कि बोलीदाता ने इसी प्रकार का उत्पाद/प्रणाली/उप-प्रणाली भारत सरकार के किसी अन्य मंत्रालय/विभाग या सार्वजनिक क्षेत्र में उपक्रम को कम मूल्य पर आपूर्ति किए हैं तब ठीक वही मूल्य बिते समय के लिए देय भत्ते सहित इस मामले में भी लागू होगा और यदि संविदा पहले ही दी जा चुकी हो बोलीदाता को लागत मूल्य के अन्तर की वापसी क्रेता को करनी होगी।
8. निष्पक्ष अनुवीक्षक
8.1. इस समझौते के लिए क्रेता द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग के परामर्श से निष्पक्ष अनुवीक्षक (आगे जिसे अनुवीक्षक कहा जाएगा) नियुक्त किए जाएंगे।
8.2. अनुवीक्षकों का काम इसकी निष्पक्षता तथा वस्तुनिष्ठता से समीक्षा करना है कि क्या पक्ष इस समझौते के दायित्वों का पालन कर रही हैं तथा किस हद तक कर रही हैं।
8.3. अनुवीक्षक पक्षों के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए अनुदेशों से बाध्य नहीं होंगे वरन् अपना कार्य तटस्थ एवं निष्पक्ष रूप से करेंगे।
8.4. दोनों पक्षों को यह मान्य है कि अनुवीक्षकों को परियोजना/खरीद से संबंधित सभी दस्तावेज इनमें बैठकों के कार्यवृत्त भी शामिल हैं, देखने का अधिकार है।
8.5जैसे ही अनुवीक्षक को पता चले या उसके पास विश्वास करने के तर्क हों कि इस समझौते का उल्लंघन हुआ है वह इसकी सूचना क्रेता द्वारा पदनामित प्राधिकारी को देगा।
8.6. बोलीदाता स्वीकारता है/करते हैं कि अनुवीक्षक को क्रेता के सभी परियोजना दस्तावेज जिसमें बोलीदाता द्वारा दिए गए भी शामिल हैं, बिना किसी रोक-टोक देखने का अधिकार है। बोलीदाता अनुवीक्षक करे, उसके अनुरोध पर अपने परियोजना दस्तावेज भी प्रदान करेगा। और वैध हित का निर्बाध एवं नि:शर्त प्रदर्शन भी करेगा। यह बात उप-ठेकेदारों पर भी लागू है। अनुवीक्षक बोलीदाता/उप-ठेकेदारों की जानकारी तथा दस्तावेजों की गोपनीयता संबंधी संविदात्मक दायित्वों से बंधे होंगे
8.7. क्रेता पार्टियों के बीच परियोजना संबंधी सभी बैठकों के संबंध में अनुवीक्षक को पर्याप्त जानकारी देगा बशर्ते कि ऐसी बैठकों का पक्षों के बीच संविदात्मक सम्बंधों पर कोई प्रभाव न पड़े। पक्ष अनुवीक्षक को ऐसी बैठकों में भाग लेने की पेशकश भी कर सकता हैं
8.8. अनुवीक्षक क्रेता बोलीदाता द्वारा दिए गए सन्दर्भ या जानकारी की तरीख से 8 से 10 सप्ताह में एक लिखित रिपोर्ट विदेश मंत्रालय सचिव को देगा तथा जरूरत पड़ने पर जटिल (संदेहास्पद) स्थितियों के सुधार के लिए प्रस्ताव देगा।
9. जांच-पड़ताल का सरलीकरण
इस समझौते के किन्ही प्रावधानों अथवा कमीशन के भुगतान की अवहेलना के किसी आरोप के मामले में क्रेता अथवा इसकी एजेंसियों सभी दस्तावेज, जिनमें बोलीदाता की लेखा पुस्तकें भी शामिल हैं, की जांच करने का अधिकार होगा तथा बोलीदाता आवश्यक जानकारी तथा कागजान अंग्रेजी में उपलब्ध कराएगा और ऐसी जांच के प्रयोजन से सभी संभव मदद करेगा।
10. कानून तथा अधिकारिता स्थल (क्षेत्राधिकार)
समझौता भारतीय कानून के अध्याधीन है। निष्पादन तथा अधिकारिता का स्थान क्रेता का कार्यस्थल है।
11. अन्य विधायी कार्य
इस अखंडता समझौते में दिए गए कार्यों का किसी अन्य कानूनी कार्रवाई से कोई पूर्वाग्रह नहीं है जो किसी सिविल अथवा आपराधिक प्रक्रिया से संबंधित प्रचलित मौजूदा कानून के प्रावधानों के अनुसरण में की जाने वाली हो।
12. वैधता
12.1. इस सत्यनिष्ठा समझौते की वैधता इस पर हस्ताक्षर किए जाने की तारीख से होगी तथा 5 वर्ष तक रहेगी अथवा संविदा के क्रेता तथा बोलीदाता/विक्रेता दोनों की सन्तुष्टि इसकी पूर्ण निष्पादन अवधि जिसमें वारन्टी अवधि भी शामिल है, जो भी बाद तक हो, के लिए होगी। यदि बोलीदाता असफल रहता है, तो यह अखंडता समझौता संविदा हस्ताक्षर करने की तारीख छह महीने के पश्चात् समाप्त हो जाएगा।
12.2. इस समझौते का कोई एक अथवा बहुत से प्रावधान अवैध हो जाने पर भी शेष समझौता वैध रहेगा। इस स्थिति में, पार्टियों अपनी मूल मंशा पर सहमत होने का प्रयास करेंगे।
13.एतद्द्वारा पार्टियों .................................(तारीख) को .......................................(स्थान) पर इस अखंडता समझौते पर हस्ताक्षर करती हैं।
क्रेता/बोलीदाता
अधिकारी का नाम मुख्य प्रशासनिक अधिकारी
पदनाम
विदेश मंत्रालय
साक्षी साक्षी
1. ............................ 1. ............................
2. ............................ 2. ............................